अशोक भाटिया

2020 मानव इतिहास में एक अहम पड़ाव के रूप में देखा जाएगा| हममें से कई लोगों ने इस दौरान स्वास्थ्य संबंधी परेशानी, इनकम में अड़चन, आर्थिक अनिश्चितता, लोन के डिफॉल्‍ट की चिंता आदि का सामना किया है| इसके अलावा इस अवधि में ब्याज दरों में कमी आई है. इसकी वजह यह है कि सरकार कारोबार के लिए कर्ज लेना आसान बनाना चाहती है| लेकिन, इसका नुकसान भी हुआ है| अपने निवेश से ब्याज पर निर्भर रहने वाले लोगों पर इसका असर देखने को मिला है. उन्हें लगता है कि अब वे अपने निवेश से बहुत कम कमा पा रहे हैं. दोबारा निवेश के जोखिम के खतरों की भी उन्‍हें समझ हो गई है. उस पर महंगाई ने स्थिति और बिगाड़ दी है| यह आरबीआई के सहज स्‍तर 6 फीसदी से ऊपर निकल गई हैं |

1 फरवरी 2020 को सरकार अपना यूनियन बजट पेश करने वाली है। सारा देश, ख़ासतौर पर सीनियर सिटिज़न्स बड़ी बेसब्री से इस बजट घोषणा का इंतजार कर रहे हैं ताकि उन्हें पता चल सके कि उनके बटुए में और ज्यादा पैसे आएंगे या नहीं। बीते सालों में, जॉइंट इंडियन फैमिली ने न्यूक्लियर फैमिली का रास्ता खोल दिया है। इसका मतलब है कि आज अधिक से अधिक सीनियर सिटिज़न्स आत्मनिर्भर तरीके से अपनी सेविंग्स और इनकम के भरोसे अपनी जिंदगी गुजार रहे हैं।

पिछले साल किए गए इकनॉमिक सर्वे के अनुसार, भारत में बड़े-बुजुर्गों की हिस्सेदारी यानी 60 साल और उससे ज्यादा उम्र के लोगों की संख्या 2011 में 8.6% से लगातार बढ़ते हुए 2041 तक 16% यानी लगभग दोगुनी हो जाएगी। ऐसी परिस्थिति में, उपयोगी बजट सम्बन्धी घोषणाओं के माध्यम से इस वर्ग के लोगों की जरूरतों पर ध्यान देना बहुत जरूरी है।सीनियर सिटिज़न्स के साथ बजट सम्बन्धी उम्मीदों के बारे में चर्चा करते समय, एक मुद्दा बाकी सभी मुद्दों से ज्यादा महत्वपूर्ण था और वह हैं – टैक्स ब्रेक का मुद्दा। वे सब यही चाहते हैं कि उनका टैक्स ब्रेक, नॉन-रिटायर्ड कामकाजी लोगों से अलग हो। टैक्स ब्रेक की इस बढ़ती मांग का कारण, उनके और दूसरों की इनकम में मौजूदा अंतर है। एक सीनियर सिटिज़न जिसे पेंशन नहीं मिलती है वह बैंक सेविंग्स और डेट इन्वेस्टमेंट्स जैसे फिक्स्ड डिपॉजिट्स से होने वाले इंटरेस्ट इनकम पर निर्भर रहता है। इस मामले में उनकी चिंता का विषय, इंटरेस्ट रेट में होने वाला उतार-चढ़ाव है जिससे उनकी इनकम कम हो सकती है। दूसरी तरफ, पेंशन इनकम पर निर्भर रहने वाले सीनियर सिटिज़न्स को सेहत और सामाजिक सुरक्षा जैसी अन्य असुरक्षा की भी चिंता सताती रहती है।

इनकम टैक्स क़ानून के अनुसार, सीनियर सिटिज़न्स को दो समूहों में बांटा गया है – सीनियर सिटिज़न्स और सुपर सीनियर सिटिज़न्स। इनमें से प्रत्येक समूह के लिए टैक्स सम्बन्धी क़ानून भी अलग-अलग हैं। सीनियर सिटिज़न्स यानी 60 से 80 साल की उम्र के लोगों के लिए 3 लाख रुपये की इनकम तक टैक्स माफ़ है। सुपर सीनियर सिटिज़न्स यानी 80 साल से ज्यादा उम्र के लोगों के लिए 5 लाख रुपये की इनकम तक टैक्स माफ़ है। रिटायर्ड लोग चाहते हैं कि यह अंतर ख़त्म हो जाए क्योंकि कई लोगों के पास, पेंशन और इन्वेस्टमेंट को छोड़कर इनकम का कोई अन्य साधन नहीं है। उनका मानना है कि सबके लिए 5 लाख रुपये की छूट सीमा तय की जानी चाहिए ताकि सभी सीनियर सिटिज़न्स पर टैक्स का बोझ कम हो सके।मौजूदा टैक्स स्लैब के अनुसार, सीनियर सिटिज़न्स को अलग-अलग रेट के हिसाब से टैक्स देना पड़ता है। सरकार को इन टैक्स स्लैब पर फिर से काम करना चाहिए ताकि सीनियर सिटिज़न्स के हाथ में ज्यादा पैसे बच सके। वर्तमान में, टैक्स पर अलग से 4% का हेल्थ और एजुकेशन सेस भी लिया जाता है। सरकार को सीनियर सिटिज़न्स के लिए इस सेस और अन्य सरचार्ज को कम या ख़त्म करने के बारे में सोचना चाहिए ताकि उनके हाथ में अपनी सेहत और अन्य जरूरतों के लिए ज्यादा पैसे बच सके।

सीनियर सिटिज़न्स पर महंगाई का ज्यादा असर पड़ता है। उनके इनकम के साधन सीमित और अक्सर निश्चित होने के कारण, बढ़ती महंगाई के कारण सीधे तौर पर उनकी खरीदने की ताकत कम हो सकती है। उनके पास महंगाई से लड़ने के लिए अपने इनकम को बढ़ाने का कोई तरीका नहीं भी हो सकता है। इसलिए, सरकार उन्हें अधिक से अधिक, महंगाई को मात देने वाले सेविंग्स और इन्वेस्टमेंट ऑप्शंस देने के बारे में सोच सकती है। वर्तमान में, सीनियर सिटिज़न्स सेविंग्स स्कीम में 15 लाख रुपये तक इन्वेस्ट किया जा सकता है जिस पर 8.6% प्रति वर्ष की दर से सुनिश्चित रिटर्न मिलता है। सरकार इस सीमा को बढ़ाने, ज्यादा रेट ऑफ़ रिटर्न देने और एक कम लॉक-इन फिक्स करने के बारे में सोच सकती है। इससे सीनियर सिटिज़न्स की खरीदने की ताकत बढ़ जाएगी और उन्हें बेहतर लिक्विडिटी मिल पाएगी।

वसई पूर्व सीनियर सिटीजन एसोसिएशन के पूर्व जॉइंट सेक्रेटरी आनंद बोंगिरवार के अनुसार सरकार आयुष्यमान योजना मे बिना किसीं भेदभाव के सभी वरिष्ठ नागरिक को मेडिकल सुविधा प्रदान करें | सभी वरिष्ठ नागरिको का बँक मे जमा पूँजी की पुरी राशी की सुरक्षा की गॅरंटीकरें इसे 5 लाख की सीमा में लॉक अप न किया जाय |देश में चल रहे सभी विमान सेवा नागरिकों को 50% डिस्काउंट प्रदान किया जाये , विमान सरकारी हो यां गैर सरकारी | इस समय पारिवारिक पेंशन के लिये 65 लाख लोग पेन्शन के लिये लगातार संघर्ष कर रहे है सभी वरिष्ठ नागरिक को पेन्शन प्रदान किया जाय क्योकि उन्होंने अपने जीवन काल मे बहुत ही कम पैसे मे गुजर किया था और महंगाई बढ़ने पर उनकी जमा पुंजी मे कमी हो गई हैं | इसी प्रकार इंदौर से दौलत भाटिया बताते है कि सीनियर सिटीजन को दांतो की बीमारी के लिए इनकम टैक्स में कोई छूट नहीं मिलती। नकली दाँत बनवाने, और दांतों का इलाज करने की इनकम टैक्स में छूट दी जावे। दांतो के इलाज़ में एक बड़ी धनराशि ख़र्च होती है |

अशोक भाटिया
स्वतंत्र पत्रकार
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