दादा मियाँ के 115 वें उर्स के चौथे दिन बाद नमाज़े फ़ज्र क़ुरआन ख़्वानी हुई और दिन भर ज़ाएरीन किराम की तशरीफ़ आवरी होती रही इस दरमियान दोपहर का लंगर और नमाज़े जुमा भी अदा की गई। दिन में 11 बजे इस साल के पहले क़ुल शरीफ़ का आयोजन हुआ जिसमें शिरकत के लिए देश के कोने कोने से लोग तशरीफ़ लाए हैं। क़ुल शरीफ़ की महफिल के बाद रंगे महफिल का आयोजन हुआ जिसमें सूफ़ी हज़रात दादा मियां की बारगाह में झूमते हुए नज़रानए अकीदत का इज़हार किया। क़ुल शरीफ़ की महफ़िल में दरगाह शरीफ़ के सज्जादानशीन हज़रत ख़्वाजा मुहम्मद सबाहत हसन शाह मद्देज़िल्लहुल आली ने हर किसी के लिए दुआए ख़ैर की। बिलख़ुसूस मुल्क हिंदुस्तान की ख़ुशहाली व तरक्की के लिए दुआए ख़ैर की।

फिर रात के 9.00 बजे क़ुरआने पाक की तिलावत से हलक़ए जिक्र की महफ़िल का आग़ाज़ किया गया इसके बाद दारुल उलूम शाहे रज़ा के असातज़ा व तलबा ने बिलतरतीब हम्दो नातो मनक़बत के अशआर पेश किए उसके बाद मौलाना क़ारी सूफ़ी मुहम्मद उमर सबाहती का फैज़ाने औलिया अल्लाह के उनवान पर ख़िताब हुआ जिस में ख़तीबे मौसूफ़ ने फ़ैज़ाने औलिया अल्लाह के फ़वाएद पर तफ़सीली गुफ़तुगू फ़रमाई। उसके बाद हाफ़िज़ ज़ुबैर अहमद सबाहती व हाफ़िज़ ज़ैनुल आबेदी सबाहती व हाफ़िज़ अहमद नवाज़ शैबी व मुस्तफ़ाउल हसन सबाहती व क़ारी ज़रीफ़ साहब जहाँगीरी व हाफ़िज़ इलयास साहब जहाँगीरी ने बिलतरतीब बारगाहे रिसालते माआब सलल्लाहो अलैह वसल्लम व हुज़ूर सनदुल औलिया क़द्दस सिर्रहू के हुज़ूर में नातो मनक़बत के अशआर पेश किए। उसके बाद मौलाना सिफ़ातुर्रहमान साहब मज़हरवी बनारसी का औलिया अल्लाह की फ़ज़ीलत पर ख़िताब हुआ जिस में मौलाना मौसूफ़ ने क़ुरआनो हदीस की रौशनी में औलिया अल्लाह की फ़ज़ीलत बयान फ़रमाई।

कल दिन में 10.30 बजे सुबह उर्स का दूसरा क़ुल शरीफ़ होगा। उसके बाद दरगाह शरीफ़ पर संदल शरीफ़ पेश किया जाएगा। संदल शरीफ़ आस पास के इलाक़ों से गश्त करता हुआ दरगाह शरीफ़ पर पहुँचेगा। और रात को 9 बजे क़ौमी यकजहती के उनवान पर एक कवि सम्मेलन का आयोजन होगा। जिसमें शिरकत करने के लिए शहर लखनऊ व मुल्क के जाने माने कवि गढ व शायर हज़रात तशरीफ़ ला रहे हैं।