लखनऊ: अयोध्या में 28 साल पहले 1992 में बाबरी मस्जिद गिराए जाने के मामले में बुधवार को कोर्ट ने सभी आरोपियों को बरी कर दिया। इस मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने फैसला सुनाया। सीबीआई की विशेष अदालत के जस्टिस एसके यादव ने अपना फैसला पढ़ते हुए कहा कि ये घटना पूर्व नियोजित नहीं थी।

जज ने कहा, अचानक हुई घटना
जज ने अपने शुरुआती कमेंट में कहा कि ये घटना अचानक ही हुई थी। कोर्ट में जैसे ही जज ने सभी आरोपियों को बरी किए जाने का फैसला सुनाया, जय श्री राम के नारे लगने लगे।

सुप्रीम कोर्ट ने दी थी समय सीमा
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई अदालत को मामले का निपटारा 31 अगस्त तक करने के निर्देश दिए थे लेकिन पिछले 22 अगस्त को यह अवधि एक महीने के लिए और बढ़ा कर 30 सितंबर कर दी गई थी।

48 आरोपियों में 17 की हो चुकी है मृत्यु
सीबीआई की विशेष अदालत ने इस मामले की रोजाना सुनवाई की थी। केंद्रीय एजेंसी सीबीआई ने इस मामले में 351 गवाह और करीब 600 दस्तावेजी सुबूत अदालत में पेश किए। इस मामले में कुल 48 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था जिनमें से 17 की मामले की सुनवाई के दौरान मृत्यु हो चुकी है।

यह लोग थे अभियुक्त
इस मामले में लालकुष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, कल्याण सिंह, उमा भारती, विनय कटियार, साघ्वी ऋतंभरा, महंत नृत्य गोपाल दास, डा. राम विलास वेदांती, चंपत राय, महंत धर्मदास, सतीश प्रधान, पवन कुमार पांडेय, लल्लू सिंह, प्रकाश शर्मा, विजय बहादुर सिंह, संतोष दूबे, गांधी यादव, रामजी गुप्ता, ब्रज भूषण शरण सिंह, कमलेश त्रिपाठी, रामचंद्र खत्री, जय भगवान गोयल, ओम प्रकाश पांडेय, अमर नाथ गोयल, जयभान सिंह पवैया, महाराज स्वामी साक्षी, विनय कुमार राय, नवीन भाई शुक्ला, आरएन श्रीवास्तव, आचार्य धमेंद्र देव, सुधीर कुमार कक्कड़ व धर्मेंद्र सिंह गुर्जर अभियुक्त थे।