जनवरी 2020 के बाद से कोरोनावायरस SARS-CoV-2 के कारण दुनिया भर में COVID-19 महामारी फैल गई थी जिसके कारण दुनियाभर में लाखों की जानें गई थीं. यह वायरस सांस, आंख, नाक और मुंह के जरिए शरीर में प्रवेश कर रहा था. 30 जनवरी 2020 को भारत में कोरोना का पहला मामला सामने आया था. तब चीन के वुहान शहर से लौटा एक मेडिकल छात्र कोरोना से संक्रमित मिला था. पिछले कुछ समय से इसके मामले सामने नहीं आ रहे थे लेकिन हाल ही में सिंगापुर और हांगकांग जैसे दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों में कोविड-19 के बढ़ते मामलों ने भारत में भी चिंता बढ़ा दी हैं.

आज मुंबई में भी 53 मामले सामने आए हैं. ऐसे में बृहन्मुंबई म्युनिसिपल कारपोरेशन (BMC) ने एशिया के कुछ हिस्सों में बढ़ते मामलों के बावजूद, शांति बनाए रखने और निगरानी जारी रखने का आग्रह किया है. साथ ही नागरिकों को सलाह दी कि अगर कोविड के लक्षण दिखाई दें तो वे मेडिकल हेल्प लें.

सिंगापुर और हांगकांग जैसे दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों में कोविड-19 के मामलों में वृद्धि देखी जा रही है जिस कारण वहां के स्वास्थ्य अधिकारी सतर्क रहने और सावधानी बरतने की सलाह दे रहे हैं. नेशन थाईलैंड के अनुसार, 3 मई को समाप्त सप्ताह में हांगकांग में कोविड-19 के 31 गंभीर मामले थे. सिंगापुर में, स्वास्थ्य मंत्रालय और संचारी रोग एजेंसी ने कहा कि 27 अप्रैल से 3 मई के सप्ताह के लिए कोविड-19 मामलों की अनुमानित संख्या 14,200 थी और उसके पहले के हफ्ते में यह आंकड़ा 11,100 था.

प्रेस रिलीज में हांगकांग के हेल्थ प्रोटेक्शन सेंटर के कंट्रोलर एडविन त्सुई ने कहा, ‘सामान्य स्थिति बहाल होने के बाद, हांगकांग ने हर 6 से 9 महीने में कोविड-19 के एक्टिव मामलों की साइकिल देखी है. हमें उम्मीद है कि कोविड-19 की एक्टिविटी का लेवल कम से कम अगले कुछ हफ्तों तक अधिकतम लेवल पर बना रहेगा.’

19 मई को नेशनल सेंट्रल फॉर डिसीज कंट्रोल (NCDC), इमरजेंसी मेडिकल रिलीफ डिविजन (EMR), डिजास्टर मैनेजमेंट सेल, इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) और सेंट्रल गवर्मेंट के हॉस्पिटल्स के एक्सपर्ट्स ने डायरेक्टर जनरल ऑफ हेल्थ सर्विसेस की अध्यक्षता में हुई समीक्षा बैठक में निष्कर्ष निकाला गया कि भारत में वर्तमान कोविड-19 स्थिति नियंत्रण में है. 19 मई, 2025 तक, भारत में सक्रिय कोविड-19 मामलों की संख्या 257 है जो देश की बड़ी आबादी को देखते हुए बहुत कम आंकड़ा है. इनमें से लगभग सभी मामले हल्के हैं, जिनमें अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता नहीं है. हालांकि, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय स्थिति पर लगातार नजर रख रहा है और यह सुनिश्चित कर रहा है कि सार्वजनिक स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए उचित उपाय किए जाएं.

मिली जानकारी के मुताबिक, दक्षिण-पूर्व एशिया में कोविड-19 के मामलों में वृद्धि मुख्य रूप से JN.1 वैरिएंट के कारण हुई है जो कि ओमिक्रॉन BA.2.86 वैरिएंट का वंशज है. WHO के अनुसार, JN.1 वैरिएंट में लगभग 30 म्यूटेशन हैं और उनमें से LF.7 और NB.1.8 हैं जो हाल ही में रिपोर्ट किए गए मामलों में 2 सबसे कॉमन वैरिएंट हैं.

जनवरी 2024 के शुरुआत में भी जेएन.1 के केस भारत में भी मिले थे और अभी सिंगापुर-हांगकांग में उसी वैरिएंट के कारण मामले बढ़े हैं. हालांकि मुंबई के मामले कौन से वैरिएंट के हैं, इस बारे में पूरी जानकारी सामने नहीं आई है.

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने बताया था कि जेएन.1, सब-वैरिएंट BA.2.86 में एक एक्स्ट्रा म्यूटेशन से बना है और यह काफी तेजी से फैलता है. इसलिए सभी को सावधान रहने की जरूरत है. जनवरी 2024 में दिल्ली में जेएन.1 सब-वैरिएंट का केस मिलने के बाद एम्स ने बताया था कि कौन से लक्षण वालों को बिल्कुल भी लापरवाही नहीं बरतनी है और अगर ये लक्षण दिखे तो तुरंत जांच करानी चाहिए.

एक्सपर्ट्स का कहना है कि कोविड-19 के अलग-अलग वैरिएंट के कारण उसके लक्षणों में बदलाव दिख सकते हैं क्योंकि भारत के लोगों को वैक्सीन की डोज लग चुकी हैं.

कई लोगों को बूस्टर डोज भी लग चुकी है. हर बॉडी और उसकी इम्यूनिटी के आधार पर लोगों में अलग-अलग लक्षण नजर आ सकते हैं. सीडीसी ने 8 दिसंबर 2023 को जेएन.1 स्ट्रेन पर चर्चा करते हुए एक रिपोर्ट में कहा था, ‘जेएन.1 के लक्षण कितने गंभीर पर हैं, यह बात व्यक्ति की इम्यूनिटी और ओवरऑल हेल्थ पर डिपेंड करती है.’

यूके के हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि कोविड के जेएन.1 सब-वैरिएंट से संक्रमित लोगों ने कुछ संकेत बताए हैं, जिनमें शामिल हैं:

गले में खराश
नींद न आने की समस्या
एंग्जाइटी
बहती नाक
खांसी
सिरदर्द
कमजोरी या थकान
मांसपेशियों में दर्द

यूके के डॉक्टर्स के मुताबिक, ‘खांसी, गले में खराश, छींक आना, थकान और सिरदर्द सबसे अधिक बताए गए लक्षणों में से एक है लेकिन ये इंफ्लूएंजा के लक्षण भी हो सकते हैं इसलिए पहले टेस्ट कराएं.’

वैक्सीनेशन या पुराने संक्रमण से प्राप्त एंटीबॉडी के कारण नए वैरिएंट के कारण होने वाले मामूली लक्षणों में होने वाले परिवर्तनों को बताना मुश्किल है. खांसी, गले में खराश, छींक आना, थकान और सिरदर्द ज्यादातर लोगों में दिखाई दिया है.