नई दिल्ली: अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने बॉलीवुड एक्ट्रेस स्वरा भास्कर के खिलाफ कोर्ट की आपराधिक अवमानना का मामला चलाने की याचिका पर सहमति से इनकार कर दिया है। दरअसल, फरवरी में आयोजित एक पैनल चर्चा में स्वरा भास्कर ने बाबरी मस्जिद और राम जन्मभूमि को लेकर टिप्पणी की थी, जिसके बाद उनके खिलाफ याचिका दायर की गई थी।
याचिका दाखिल करते हुए याचिकाकर्ता ने एक्ट्रेस की टिप्पणी को ‘अपमानजनक’, ‘निंदनीय’ और ‘संस्था पर हमला’ के रूप में वर्णित किया था। वहीं, रविवार को एजी वेणुगोपाल ने कहा कि टिप्पणी पूरी तरह से ‘बोलने वाली की धारणा’ थी और उन्होंने खुद सुप्रीम कोर्ट पर कोई टिप्पणी नहीं की थी या ऐसा कुछ भी नहीं कहा था। वहीं, अब याचिकाकर्ताओं ने अनुमति के लिए सॉलिसिटर-जनरल तुषार मेहता के दफ्तर में अर्जी दी है।
एएनआई के अनुसार, इस साल फरवरी में स्वरा भास्कर ने ‘मुंबई कलेक्टिव’ नामक एक समूह द्वारा आयोजित एक पैनल चर्चा में भाग लिया था। इस दौरान उन्होंने कथित रूप से ‘भारत के सर्वोच्च न्यायालय के संदर्भ में अपमानजनक और निंदनीय’ बयान दिए थे। बता दें, साल 2019 को सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या में राम मंदिर स्थापना विवादित मामले को लेकर फैसला सुनाया था।
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