कांग्रेस के नेतृत्व में गठित हुआ सेक्युलर प्रोग्रेसिव फ्रंट


नई दिल्ली: मणिपुर में चार मंत्रियों समेत भाजपा के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार के 9 विधायकों के इस्तीफे के बाद, कांग्रेस के नेतृत्व में नवगठित सेक्युलर प्रोग्रेसिव फ्रंट (एसपीएफ) ने राज्य में सरकार बनाने का दावा किया है। कांग्रेस नेता और तीन बार के मुख्यमंत्री रहे ओ इबोबी सिंह के नेतृत्व में उपराज्यपाल नजमा हेपतुल्ला को ज्ञापन सौंपकर विधानसभा का विशेष बुलाने का अनुरोध किया गया है।

बीरेन सिंह सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाएगा फ्रंट
एसपीएफ में नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) और तृणमूल कांग्रेस के विधायक शामिल हैं। एसपीएफ के नेता इबोबी सिंह ने कहा कि जल्द ही भाजपा के नेतृत्व वाली एन बीरेन सिंह सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया जाएगा। उन्होंने कहा कि मुझे उम्मीद है कि जल्द ही राज्य में भाजपा की अल्पसंख्यक सरकार उपराज्यपाल द्वारा खारिज कर दी जाएगी। मैं यह भी प्रार्थना करता हूं कि भारत के संविधान को सभी द्वारा बरकरार रखा जाएगा। लोकतंत्र के हित में और हमारे संविधान को बनाए रखने के लिए, मणिपुर में नई एसपीएफ़ सरकार होनी चाहिए।

सरकार के पास अब केवल 23 विधायकों का समर्थन
मणिपुर के उच्च न्यायालय द्वारा कांग्रेस के सात विधायकों को सदन में प्रवेश करने से रोक दिया गया। इसके बाद सदन में कांग्रेस की संख्या अब 20 हो गई है जबकि भाजपा के अपने तीन विधायकों के इस्तीफे के बाद उसकी संख्या 18 हो गई है। वर्तमान सरकार को अब केवल 23 विधायकों का समर्थन प्राप्त है जिसमें भाजपा के 18, नगा पीपुल्स फ्रंट (एनपीएफ) के चार और एक लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) का है।

कांग्रेस ने 26 विधायकों के समर्थन का दावा किया
दूसरी ओर, सदन में कुळ 49 विधायकों में एसपीएफ ने राज्यपाल को सौंपे ज्ञापन में 26 विधायकों के समर्थन का दावा किया है जिसमें 20 कांग्रेस विधायक, चार एनपीपी विधायक, एक टीएमसी और एक अन्य निर्दलीय विधायक हैं। इससे पहले, कांग्रेस और एनपीपी ने राज्य विधानसभा के स्पीकर को हटाने की मांग की थी। कांग्रेस के प्रवक्ता निंगोबम बुपेन्दा मीतेई ने कहा, कि एनपीपी सहित कांग्रेस के नेतृत्व में 12 विधायकों ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 179 (सी) के तहत अध्यक्ष को हटाने के लिए मणिपुर विधान सभा को नोटिस भेजा है। यह नोटिस मणिपुर में कांग्रेस के नेतृत्व वाले गठबंधन सरकार के गठन को और मजबूती प्रदान करेगा।