इंदौर: मध्य प्रदेश में कमलनाथ की अगुवाई वाली पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में नदी संरक्षण न्यास के अध्यक्ष रहे कम्प्यूटर बाबा समेत सात लोगों को सरकारी जमीन पर अवैध निर्माण ढहाए जाने के अभियान के दौरान रविवार सुबह एहतियातन गिरफ्तार किया गया। पुलिस अधीक्षक (पश्चिमी क्षेत्र) महेशचंद्र जैन ने बताया कि इंदौर शहर से सटे जम्बूर्डी हप्सी गांव में कम्प्यूटर बाबा के आश्रम परिसर में प्रशासन द्वारा अवैध निर्माण ढहाए जाने के दौरान दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 151 (संज्ञेय अपराध घटित होने से रोकने के लिये की जाने वाली एहतियातन गिरफ्तारी) के तहत यह कदम उठाया गया।

6 अन्य गिरफ्तार
उन्होंने बताया कि कम्प्यूटर बाबा और उनसे जुड़े छह अन्य लोगों को एहतियातन गिरफ्तार कर एक स्थानीय जेल भेजा गया है। अधिकारियों ने बताया कि प्रशासन की जांच के दौरान कम्प्यूटर बाबा के आश्रम परिसर में दो एकड़ शासकीय भूमि पर अवैध कब्जा और निर्माण प्रमाणित पाया गया था। हालांकि, यह आश्रम 40 एकड़ से ज्यादा जमीन पर फैला है और इसका मौजूदा बाजार मूल्य लगभग 80 करोड़ रुपये आंका जा रहा है।

असली नाम नामदेव दास त्यागी
वैष्णव संप्रदाय (अपने इष्ट देव के रूप में भगवान विष्णु को पूजने वाले हिंदू मतावलम्बी) से ताल्लुक रखने वाले कम्प्यूटर बाबा का असली नाम नामदेव दास त्यागी है। केवल 15 महीने चल सकी पूर्ववर्ती कमलनाथ सरकार ने उन्हें नर्मदा, क्षिप्रा और मन्दाकिनी नदियों के संरक्षण के लिये गठित न्यास का अध्यक्ष बनाया था।

दिग्विजय ने बताया राजनीतिक प्रतिशोध
उधर, कांग्रेस के राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने कम्प्यूटर बाबा के खिलाफ प्रशासन की कार्रवाई के दौरान सवाल उठाए। उन्होंने एक ट्वीट में कहा, “इंदौर में बदले की भावना से कम्प्यूटर बाबा का आश्रम व मंदिर बिना कोई नोटिस दिए तोड़ा जा रहा है। यह राजनीतिक प्रतिशोध की चरम सीमा है। मैं इसकी निंदा करता हूं।”