लखनऊ:
उत्तर प्रदेश के तीन शहरों आगरा, प्रयागराज और गाजियाबाद में कमिश्नर प्रणाली लागू करने के प्रस्ताव को योगी सरकार ने मंजूरी दे दी है। इससे पहले सिर्फ चार जिलों में ये लागू थी जिनमें लखनऊ, वाराणसी, कानपुर और नोएडा शामिल हैं।

ज्यादा आबादी वाले ज़िलों में ये प्रणाली लागू की जाती है। इन जिलों में पुलिस कमिश्नर की नियुक्ति की जाती है जहां उनको अतिरिक्त जिम्मेदारियों के साथ कुछ मजिस्ट्रियल पावर भी दिए जाते हैं।

साल 1983 में जारी छठी नेशनल पुलिस कमीशन की रिपोर्ट में भी 10 लाख से ज्यादा की आबादी वाले महानगरों के लिए इस व्यवस्था को जरूरी बताया गया था। यानी पुलिस शांति भंग की आशंका में निरुद्ध करने, गुंडा एक्ट लगाने, गैंगस्टर एक्ट तक में कार्रवाई कर सकेगी। इनके लिए जिलाधिकारी से अनुमति की आवश्यकता नहीं होगी।

कमिश्नेरट सिस्टम लागू होने से पुलिस को मजिस्ट्रेट की शक्तियां मिल जाएंगी। अब तक बड़े शहरों में ही यह व्यवस्था लागू है। शांति भंग और 107-116 की कार्रवाई में एसीपी की कोर्ट में पेश होना होगा। इसके साथ ही आईपीएस अधिकारियों की संख्या बढ़ेगी।