अदनान
कोलंबो: कोलंबो के प्रेमदासा स्टेडियम में खेले गए दूसरे वनडे में मंगलवार को कमाल हो गया, श्रीलंका से मिले 276 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए एक समय भारत की जीत की तमाम उम्मीदें धूमिल हो चुकी थीं, लेकिन नंबर-8 गेंदबाज दीपक चाहर (नाबाद 69 रन, 82 गेंद, 7 चौके, 1 छक्का) ने बल्ले से दमदार प्रदर्शन करते हुए और जीत का दीपक जलाते हुए उप-कप्तान भुवनेश्वर कुमार (नाबाद 19 रन, 28 गेंद, 2 चौके) के साथ नाबाद रहते हुए भारत को 3 विकेट और 5 गेंद बाकी रहते जीत दिलाते हुए सीरीज में 2-0 की अजेय बढ़त दिला दी. तीन मैचों की सीरीज अब भारत की हो चुकी है और अब सवाल यही है कि भारत श्रीलंका का सफाया करता है या नहीं. इससे पहले दो अहम विकेट चटकाने वाले हसारंगा ने एक बार फिर से जम चुके क्रुणाल पंड्या (35) को बोल्ड करके भारत 7वां झटका देते हुए लगभग पस्त कर दिया था.

यह हसारंगा का तीसरा विकेट रहा और अगर उन्हें अभी से ही मैन ऑफ द मैच का प्रबल दावेदार करार दिया जाए तो बिल्कुल भी गलत नहीं होगा. इससे पहले श्रीलंका ने सूर्यकुमार यादव (53) का विकेट चटकाकर खुद को मुकाबले मेंं ला दिया है. इससे पहले उसने नियमित अंतराल पर दो विकेट गंवाए थे, लेकिन यहां से सूर्यकुमार ने बेहतरीन अर्द्धशतक जड़कर भारत को फिर से मैच में ला दिया था, लेकिन उनके गिरे छठे विकेट से भारत की जीत की उम्मीदों को जोर का झटका लगा था. और सूर्यकुमार के बाद जब तीन विकेट चटकाने वाले हसारंगा ने क्रुणाल पंड्या को बोल्ड कर गच्चा देते हुए सातवां विकेट गिराया, तो यहां से लगा कि श्रीलंका की जीत सिर्फ औपचारिकता भर बचाी है, लेकिन दीपक चाहर ने मैच की पूरी तस्वीर बदल दी. यह सही है कि भारत पर रनों का ज्यादा दबाव नहीं था और उसे जीत के लिए छह रन प्रति ओवर की दर से रन बनाने थे, लेकिन यहां सबसे बड़ी चुनौती विकेट को बचाकर रखना था और दीपक चाहर न केवल इसमें दस में से दस नंबर के साथ पास हुए, बल्कि उन्होंने बीच-बीच में किसी मंझे हुए बल्लेबाज की तरह स्ट्रोक लगाते हुए लंकाइयों के चेहरों को मुर्झाने पर मजबूर कर दिया. बल्लेबाजी के साथ गेंदबाजी में दम दिखाने वाले चाहर को मैन ऑफ द मैच चुना गया. चाहर ने दो विकेट भी लिए थे.

भारतीय पारी के दौरान चौथा विकेट मनीष पांडे के रूप में गिरा, जो बदनसीबी का शिकार हुए. सूर्यकुमार ने स्ट्रेट ड्राइव खेला, जो बॉलरों की उंगलियों को छूता हुआ स्टंप्स से जा टकरायामगर नॉन-स्ट्राइकर मनीष पांडे क्रीज के बाहर थे, तो उसी ओवर में हार्दिक पंड्या बिना खाता खोले पवेलियन लौट गए, जो ड्रेसिंग रूप में शिखर धवन के तनाव को बढ़ा गया. इस तनाव को सूर्यकुमार ने अपने अर्द्धशतक से दूर करते हुए भारत को फिर से मुकाबले में ला दिया, लेकिन संदाकन ने जम चुके सूर्यकुमार को एलबीडब्ल्यू आउट कर भारत की उम्मीदों को जोर का झटका दिया. यहां से भारत पर दबाव बहुत ज्यादा बढ़ गया था. इसे क्रुणाल पंड्या ने बखूबी संभालने की पूरी कोशिश की, लेकिन हालात मुश्किल होते गए, लेकिन लंकाइयों को हैरान करते हुए दीपक चाहर ने भुवनेश्वर कुमार के साथ मिलकर एक ऐसी जीत भारत को दिला दी, जो फैंस को लंबे समय तक याद रहेगी.

भारत की शुरुआत की बात करें, तो कप्तान शिखर धवन (29) के रूप में अपना तीसरा विकेट गंवाया. धवन को पारी के 12वें ओवर में हसारंगा ने एलबीडब्ल्यू आउट किया. अंपायर ने उन्हें नॉटआउट करार दिया था, लेकिन धवन रिव्यू में धरे गए और उन्हें भी वानिंदु हसारंगा ने आउट किया. भारत की शुरुआत बहुत ही खराब रही. पिछले मैच के दोनों बड़े हीरो मैन ऑफ द मैच पृथ्वी शॉ और इशान किशन इस बार दहाई का आंकड़ा भी नहीं छू सके. पहले ही ओवर से बहुत ही आक्रामक तेवर दिखाने वाले पृथ्वी शॉ के आक्रामक तेवरों पर तीसरे ही ओवर में हसारंगा ने रोक लगी दी जो जगह बनाकर शॉट खेलने की कोशिश में बोल्ड हो गए. कुछ ही देर बाद पिछले मैच में आतिशी बल्लेबाजी करने वाले इशान किशन भी तेज गेंदबाज रंजिथा की गेंद पर दूर से ड्राइव लगाने की कोशिश में प्लेडऑन हो गए.

इससे पहले मेजबान श्रीलंका ने टीम धवन के सामने जीत के लिए 276 रनों का लक्ष्य दिया. मेजबान टीम को इस स्कोर तक पहुंचाने में अहम रोल निभाया ओपनर अविष्का फर्नांडो (50 रन, 71 गेंद, 4 चौके, 1 छक्का), चरिथ असालंका (65 रन, 68 गेंद, 6 चौके) और निचले क्रम में तेज बल्लेबाजी करने वाले चमिका करुणारत्ने (नाबाद 44 रन, 33 गेंद, 5 चौके) ने. यह पिच पिछले मुकाबले की तलना में बैटिंग के लिए ज्यादा मुफीद थी और यहां तीन से पार मेजबानों को पहुंचना चाहिए था, लेकिन एक बार फिर से पारी के बीच के ओवरों में अनुभवहीनता और जमकर विकेट गंवाने की खामी फिर से उभरकर सामने आयी. बहरहाल, श्रीलंकाई टीम कोटे के 50 ओवरों में 9 विकेट के नुकसान पर 275 के स्कोर तक पहुंचने में सफल रही. निश्चित ही, पिछले मैच में भारतीय युवाओं के आतिशी अंदाज को देखते हुए यह स्कोर कहीं छोटा सा लगता है, लेकिन क्रिकेट में कुछ भी हो सकता है. भारत के लिए अच्छी बात भुवनेश्वर कुमार का तीन विकेट लेना रहा, तो इतने ही लिए विकेटों ने लेग स्पिनर चहल को भी जरूरी कॉन्फिडेंस दिया होगा. इनके अलावा दीपक चाहर भी अपने लिए दो विकेट जुटाने में सफल रहे.

श्रीलंका ने चरिथ असालंका (65) के रूप में अपना सातवां विकेट गंवाया, जो भुवनेश्वर की दूसरी सफलता रहे. प्रेमदासा की बल्लेबाजी के लि अनुकूल पिच पर श्रीलंकाई बल्लेबाजों की जमकर विकेट गंवाने की खामी एक बार फिर सामने आयी. छठे आउट होने वाले बल्लेबाज वैनिंदु हसारंगा रहे, जो सिर्फ 6 रन बनाकर दीपक चाहर का शिकार हो गए. श्रीलंका ने कप्तान दसुन शनाका के रूप में पांचवां विकेट गंवाया था. शनाका ने 16 रन बनाए और चहल की गेंद पर बोल्ड हो गए, तो वहीं उनसे पहले जमकर खेल रहे धनंजय डि सिल्वा (32) रन बनाकर दीपक चाहर की स्लोअर-वन के जाल में फंस गए. उनसे पहले लंका ने अविष्का फर्नांडो के रूप में अपना तीसरा विकेट गंवाया, जिन्हें भुवनेश्वर कुमार ने चलता किया. अविष्का ने अच्छी बल्लेबाजी और उन्होंने 70 गेंदों पर पचासा जड़ा, लेकिन अर्द्धशतक पूरा करने के तुरंत बाद ही अविष्का आउट हो गए. इससे पहले शुरुआती दस ओवरों में विकेट के लिए तरसे भारत के लिए युजवेंद्र चहल ने सूखा खत्म करने का काम किया है. चहल ने लगातार दो गेंदों पर विकेट चटकाकर भारत को मुकाबले में ला दिया है. पारी के 14वें ओवर में चहल ने पहले मिनोद और फिर भनुका राजपक्षे को चलता किया.

इससे पहले मिनोद ने ्अविष्का फर्नांडों के साथ मिलकर पहले विकेट के लिए 77 रन जोड़कर श्रीलंका को बेहतर शुरुआत दी. बैटिंग के लिए दिख रही आसान पिच पर अविष्का और मिनोद दोनों ने ही कुछ अच्छे स्ट्रोक लगाए . पहले मुकाबले की तुलनाें दूसरे वनडे की पिच बल्लेबाजी के लिए ज्यादा अनुकूल दिख रही है और उम्मीद की जा सकती कि इस पिच पर 280-90 रन बनाए जा सकते हैं. इसी बीच श्रीलंका ने 21वें ओवर में 2 विकेट पर अपने सौ रन पूरे किए.