दुनिया की अग्रणी पेय पदार्थ कंपनी कोका-कोला इंडिया को “जल संरक्षण के क्षेत्र में सीएसआर गतिविधियों के लिए सर्वश्रेष्ठ उद्योग” श्रेणी में राष्ट्रीय जल पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय ने जल संरक्षण और संचयन के क्षेत्र में बेहतरीन कार्यों के लिए कंपनी को इस पुरस्कार से सम्मानित किया है। इसके साथ ही कंपनी जल प्रबंधन के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त करने वाली भारत की पहली बेवरेज कंपनी बन गई है।

उल्लेखनीय है कि कोका-कोला इंडिया अपनी जलधारा परियोजना के माध्यम से भूजल स्तर को सुधारने, कम पानी में ज्यादा फसल उगाने और जल स्रोतों के प्रबंधन के माध्यम से किसानों की आजीविका में सुधार कर उनके जीवन में बदलाव लाने का काम कर रही है। इस परियोजना को आनंदना कोका-कोला इंडिया फाउंडेशन और उसके हितधारक एसएम सहगल फाउंडेशन के माध्यम से कर्नाटक के कोलार जिले और आंध्र प्रदेश के अनंतपुर जिले में संचालित किया जा रहा है।

गौरतलब है कि राष्ट्रीय जल पुरस्कार की स्थापना 2018 में की गई थी। इस पुरस्कार का मुख्य उद्देश्य सतत विकास, पर्यावरण प्रबंधन और जल क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने व समाज को इसके प्रति जागरूक करने वाली उत्कृष्ट कंपनियों को प्रोत्साहित करना है। इसके माध्यम से भारत सरकार के ‘जल समृद्ध भारत’ या ‘वाटर प्रॉस्परस इंडिया’ के लक्ष्यों को पूरा करने के लिए चल रहे राष्ट्रव्यापी अभियान के हिस्से के रूप में कार्य करने वाले व्यक्तियों और संगठनों या कंपनियों द्वारा किए जा रहे बेहतरीन कार्यों और प्रयासों को दुनिया के सामने रखा जाता है, ताकि अन्य भी प्रेरित हो सकें। इस तरह के आयोजन से आमजनों को पानी का महत्व बताने और उन्हें जल संरक्षण व प्रबंधन में सक्रिय भागीदारी निभाने के लिए जागरूक किया जा रहा है।

एमएस सहगल फाउंडेशन के साथ मिलकर कोका-कोला इंडिया ने जलधारा परियोजना की शुरुआत की थी। जल संकट से जूझ रहे देश के विभिन्न जिलों में भूजल स्तर को बेहतर करना ही इसका मुख्य लक्ष्य है। इसी के तहत कोका-कोला इंडिया ने कर्नाटक के कोलार जिले में कई जल संचयन के स्रोतों से गाद निकलावाने का कार्य किया। साथ ही आंध्र प्रदेश के अनंतपुर में चेक डैम बनाकर जल प्रबंधन की दिशा में अभूर्तपूर्व योगदान दिया।