लखनऊ:
उत्तर प्रदेश विधानसभा के तीसरे दिन बुधवार को फिर पुरानी पेंशन बहाली का मुद्दा उठा। यह मामला अब हर राज्य में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) सरकार के लिए मुसीबत खड़ी करने लगा है. हिमाचल प्रदेश सरकार में कांग्रेस पुरानी पेंशन बहाली का समर्थन कर बीजेपी को सत्ता से बेदखल करने में कामयाब रही.

तो अब समाजवादी पार्टी (सपा) भी पुरानी पेंशन बहाली के पक्ष में खड़ी होकर बुधवार को विधानसभा में यह मामला उठाया. इस पर योगी सरकार में वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने प्रदेश के 20 लाख से ज्यादा राज्य कर्मचारियों को पुरानी पेंशन देने से साफ इनकार कर दिया.

कर्मचारी संगठनों ने सदन में इस घोषणा पर नाराजगी जताई और कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव में पुरानी पेंशन बहाली का समर्थन करने वाले राजनीतिक दल को राज्य कर्मचारियों का हर कदम पर समर्थन मिलेगा. कहा जा रहा है कि राज्य कर्मचारियों की नाराजगी का खामियाजा बीजेपी प्रत्याशियों को भुगतना पड़ सकता है.

विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान पुरानी पेंशन बहाली का मामला सपा के अनिल प्रधान और पंकज मलिक ने उठाया। इन विधायकों ने सरकार से जानना चाहा कि क्या राज्य सरकार राज्य कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन लागू करेगी? अनिल प्रधान ने कहा कि नई पेंशन योजना सरकारी कर्मचारियों के हित में नहीं है.

ज्यादातर सरकारी कर्मचारी चाहते हैं कि राज्य सरकार पुरानी पेंशन योजना लागू करे. वहीं सपा विधायक जय प्रकाश अंचल ने कहा कि एक लाख से 80 हजार रुपये वेतन पाने वाले कर्मचारियों को अब नई पेंशन योजना के तहत तीन से चार हजार रुपये पेंशन मिल रही है.

सपा विधायक पंकज मलिक ने सदन में मुजफ्फरनगर के रामदास नाम के एक सेवानिवृत्त कर्मचारी का जिक्र करते हुए कहा कि रामदास को पहले 80 हजार रुपये वेतन मिलता था, अब उन्हें 3200 रुपये पेंशन मिल रही है. इसी तरह हजारों सेवानिवृत्त कर्मचारियों को पेंशन मिल रही है. कुछ हजार रुपये. इसे देखते हुए अब राज्य कर्मचारी पुरानी पेंशन बहाली की मांग कर रहे हैं.

सपा विधायकों के उक्त सवाल पर वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने साफ शब्दों में कहा, प्रदेश में पुरानी पेंशन बहाल नहीं होगी. फिर उन्होंने पुरानी पेंशन को लेकर सपा नेताओं को घेरते हुए कहा कि जब यह पेंशन लागू हुई थी, तब 1 अप्रैल 2005 को प्रदेश में सपा की सरकार थी.

इसके बाद साल 2019 में पिछले लोकसभा चुनाव से पहले योगी सरकार की कर्मचारी संगठनों से बातचीत हुई थी तो कर्मचारी संगठनों ने कहा था कि पेंशन योजना ऐसी होनी चाहिए कि कर्मचारियों को कम से कम आठ फीसदी ब्याज मिले. . अब कर्मचारियों को नई पेंशन में 9.32 फीसदी ब्याज मिल रहा है.

वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने यह दावा करते हुए कहा कि सरकार का 59.4 प्रतिशत खर्च कर्मचारियों की पेंशन और वेतन पर हो रहा है, जिससे सरकार को विकास कार्यों के लिए अधिक धन मुहैया कराने में दिक्कत आ रही है. ये सब बताते हुए सुरेश खन्ना ने कहा कि फिलहाल सरकार का पुरानी पेंशन वहन करने का कोई विचार नहीं है. वित्त मंत्री के इस बयान से असंतुष्ट सपा सदस्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए सदन से बाहर चले गये.