लखनऊ :
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि विगत 06 वर्षां में राज्य सरकार ने विभिन्न विभागों में नियुक्ति की प्रक्रिया को शानदार तरीके से आगे बढ़ाया है। इस दौरान सरकारी सेवाओं में लगभग 06 लाख युवाओं को नौकरी दी गयी है। रोजगार के अन्तर्गत उत्तर प्रदेश के युवाओं के लिए सफल, पारदर्शी तथा शुचितापूर्ण चयन प्रक्रिया के उपरान्त 03 विभागों के लिए कुल 510 अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र दिया जा रहा है।

मुख्यमंत्री आज यहां लोक भवन में उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग एवं उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा चयनित 199 समीक्षा अधिकारी/सहायक समीक्षा अधिकारी (सचिवालय प्रशासन विभाग), 183 कनिष्ठ सहायक (परिवहन विभाग) एवं 128 कनिष्ठ सहायक (निर्वाचन विभाग) को नियुक्ति पत्र वितरण के लिए आयोजित कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने निर्वाचन विभाग के 03, परिवहन विभाग के 03 तथा सचिवालय प्रशासन विभाग के 06 अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र वितरित किये। इस अवसर पर सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग द्वारा तैयार की गयी मिशन रोजगार पर आधारित एक लघु फिल्म का प्रदर्शन किया गया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री जी कहते हैं कि जब चुनौती आये, तो उससे घबराना नहीं चाहिए। चुनौती हमारे लिए एक अवसर के समान है। ऐसे अवसर पर समाज, राज्य तथा देश की आवश्यकताओं के अनुरूप जो लोग अपनी सामर्थ्य को विकसित करते हैं, उन्हें सफलता अवश्य प्राप्त होती है। आज यहां जिन नवचयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र प्रदान किये जा रहे हैं, उन्होंने अपनी सामर्थ्य को प्रदर्शित किया है तथा सफलता प्राप्त की है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी अभ्यर्थी विभिन्न पृष्ठभूमियों के तथा प्रदेश के अलग-अलग भागों से हैं। आज प्रदेश के छोटे-छोटे गांवों तथा कस्बों से युवाओं की नियुक्ति शासन की सेवाओं में हो रही है। एक संवेदनशील सरकार किसी प्रकार का भेदभाव नहीं करती है। यह एक महत्वपूर्ण क्षण है। सभी 510 अभ्यर्थी उत्तर प्रदेश शासन से जुड़कर, प्रदेश की 25 करोड़ जनता को अपनी सेवाएं देने के लिए तत्परता से कार्य करेंगे। प्रदेश सरकार ने विगत 06 वर्षां में चयन से लेकर नियुक्ति तक की प्रक्रिया में भेदभाव रहित व्यवस्था बनायी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आप सभी अभ्यर्थियों का प्रयास होना चाहिए कि जो व्यवहार आपको खराब लगता है, उसे आप दूसरों के साथ भी न करें। यदि हमें अपना कार्य अटकना खराब लगता है, तो हमारा प्रयास होना चाहिए कि किसी दूसरे का कार्य भी न अटके। सचिवालय की कार्यपद्धति को ई-ऑफिस से जोड़ा गया है। शासन ने यह मानक तय किया है कि कोई भी फाइल किसी टेबल पर 03 दिनों से अधिक तक नहीं रोकी जाएगी। आपका प्रयास होना चाहिए कि फाइलों का निस्तारण तत्परता से किया जाए।