नई दिल्ली: लद्दाख की गलवान घाटी में भारत के साथ खूनी झड़प के बाद अब चीन की पीपल्स लिब्रेशन आर्मी (PLA) तिबत (खुद को स्वायत्त मानता है, पर चीन इस क्षेत्र पर अपना दावा ठोंकता रहा है) में बड़े स्तर पर युद्धाभ्यास कर रही है। Global Times की एक रिपोर्ट में इस बाबत दावा किया गया है कि इस अभ्यास में हाई एल्टीट्यूड टैंक और टैंक-विरोधी ड्रिल्स हैं। साथ ही उत्तरी पश्चिम चीन की ओर चीन की आर्मी ब्रिगेड के बढ़ने और रात के वक्त पैराशूट ट्रेनिंग की खबर है।

गुरुवार को इस रिपोर्ट में चीनी मिलिट्री एक्सपर्ट के हवाले से बताया गया कि ये ड्रिल्स दर्शाती हैं कि पीएलए बॉर्डर वाले इलाके में लड़ने में हर तरीके से सक्षम है, पर समूचे चीन के फौजी और टुकड़ियां उनकी मदद में किसी प्रकार की स्थिति का सामना ज्वॉइंट ऑपरेशन को अंजाम देकर कर सकते हैं।

ग्लोबल टाइम्स को गुरुवार को चीनी मिलिट्री एक्सपर्ट सोंग झॉन्गपिंग ने बताया कि चीन को सीमा पर भारत की ओर से मुख्य खतरा उनके टैक्स और सैन्य वाहनों से है, पर Type 15 टैंक्स और HJ-10 एंटी-टैंक मिसाइलें कड़ा जावब दे सकती हैं।

CCTV की रिपोर्ट में इससे पहले बुधवार को कहा गया था- PLA Tibet Military Command में हाल ही में कई किस्म के नए हथियार और साझो-सामान शामिल किए गए हैं, जिनमें Type 15 हल्के टैंक और HJ-10 एंटी-टैंक मिसाइल सिस्टम हैं। Qinghai-Tibet Plateau में इन सबके साथ हाल में लाइव फायर ड्रिल हुई हैं।