नयी दिल्ली: पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ दस महीने से भी अधिक समय से चल रहे गतिरोध के बीच सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने आज साफ शब्दों में कहा कि चीन और पाकिस्तान की मिलीभगत निरंतर बढ रही है और इसमें कोई संदेह नहीं है कि यह भारत के लिए बड़ा खतरा है जिसके लिए हर स्तर पर मजबूती तथा क्षमता बढाने की जरूरत है।

सेना हर मोर्चे पर सक्षम
सेना दिवस से पहले मंगलवार को वार्षिक संवाददाता सम्मेलन में जनरल नरवणे ने कहा कि पाकिस्तान और चीन का गठजोड़ मजबूत हो रहा है और यह केवल सैन्य ही नहीं बल्कि असैन्य क्षेत्र में भी बढ रहा है। यह जमीन पर दिखाई दे रहा है। इसमें कोई संदेह नहीं है कि यह गठजोड़ भारत के लिए खतरा है और इससे निपटने के लिए सैन्य क्षमता और मजबूती बढाये जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि वह देश को आश्वस्त करना चाहते हैं कि सेना दोनों मोर्चों पर एक साथ किसी भी स्थिति से निपटने में सक्षम है। सेना की तैयारी और मनोबल बहुत ऊंचा है और किसी तरह की चिंता करने की जरूरत नहीं है। सेना किसी भी आंतरिक तथा बाहरी खतरे से निपटने को तैयार है।

सैनिकों की संख्या में कोई कमी नहीं
चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा पर बने गतिरोध के बीच चीन द्वारा बड़ी संख्या में सैनिकों को पीछे हटाये जाने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने स्पष्ट किया कि टकराव के क्षेत्रों में तैनात दोनों ही देशों के सैनिकों की संख्या में किसी तरह की कमी नहीं आयी है और दोनों के सैनिक आमने-सामने डटे हुए हैं।

पाकिस्तान को मिलता रहेगा जवाब
पाकिस्तान के बारे में उन्होंने कहा कि वह आतंकवादी गतिविधियों को निरंतर बढावा दे रहा है और यह उसकी नीति बन गयी है। भारत आतंंकवाद को बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं करने की नीति पर कायम है और पाकिस्तान को कड़ा संदेश दे दिया गया है कि उसकी इन नापाक हरकतों का करारा जवाब दिया जाता रहा है और आगे भी दिया जायेगा।