केन्द्र सरकार के बैंको का निजीकरण करने के प्रयासों के विरूद्व बैंककर्मियों द्वारा सभा एवं प्रदर्शन

लखनऊ। भारत सरकार द्वारा बैंको का निजीकरण करने के उदद्ेश्य से किये जा रहे लगातार प्रयासों के विरूद्व आज सायं 5.30 बजे यूनाइटेड फोरम आफ बैंक यूनियन्स द्वारा सभी राष्ट्ीयकृत बैंको के बैंककर्मियों ने बैंक आफ इण्डिया आॅचलिक कार्यालय नवलकिशोर रोड पर सैकड़ो की संख्या में एकत्र होकर विशाल सभाएवं प्रदर्शन किया।

सभा में एन.सी.बी.ई. (नेशनल कन्फेडरेशन आॅफ बैंक एम्पलाॅइज) के.प्रदेश महामंत्री के.के.सिंह ने कहा- ‘‘केन्द्र सरकार बैंको का निजीकरण करने की साजिश रच रही है तथा बैंको को पूॅजीपतियों के हाथों में सौपने का प्रयास कर रही है, लेकिन बैंककर्मियों के विरोध के चलते वह सफल नहीं हो पाई है। उन्होंने बताया कि अटल पेन्शन योजना, नोटबन्दी, मनरेगा, आधार कार्ड, किसान के्रडिट कार्ड, बीमा आदि योजनाएं केवल राष्ट्ीयकृत बैंको के बैंककर्मियों की दक्षता की वजह से सफल हो पाई है।

आॅयबाक (आल इण्डिया बैंक आफीसर्स कन्फेडरेशन) के महामंत्री दिलीप चाौहान ने बताया सरकार देश की अर्थव्यवस्था को गति देने के नाम पर एकबार फिर अपने कुत्सित प्रयासों में जुट गई है, परन्तु बैंककर्मी पूरी तरह से सजग है, इसके लिये हम हर संघर्ष के लिये तैयार हैं। ए.आई.बी.ई.ए. के काम0 दीप बाजपेई ने कहा- सरकार जनता की गाढ़ी कमाई, पूॅजीपतियों के हितों के लिये, बैंको का निजीकरण करके उन्हें सौंपना चाह रही है। यह जनता के साथ धोखाधड़ी है।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुये वाई.के.अरोडा ने कहा बैंक अधिकारी एवं कर्मचारी अपने संगठन यू.एफ.बी.यू. के बैनर तले बैंको के निजीकरण के विरोध में एकजुट हो चुके है हम सरकार की मनमानी चलने नहीं देंगे। जिला संयोजक अनिल श्रीवास्तव ने बताया केन्द्रीय वित्तमंत्री द्वारा बजट में आई.डी.बी.आई. एवं सार्वजनिक क्षेत्र के दो अन्य बैंको को निजी क्षेत्र में बेचने की घोषणा से बैंककर्मी आक्रोशित हो गये हैं।

सभा को अखिलेश मोहन, आर.एन.शुक्ल, एस.डी.मिश्र, सन्दीप सिंह, प्रभाकर अवस्थी, वी.के.सिंह, राजेश शुक्ला, एस.के.संगतानी, सौरभ श्रीवास्तव, डी.पी.वर्मा, वी.के.सेन्गर, यू.पी.दुबे, मनमोहन दास, जे. एस. भाटिया आदि बैंक नेताओं ने सम्बोधित किया और बैंको का निजीकरण करने हेतु भारत सरकार की घोर निन्दा की।

अंत में फोरम के मीडिया प्रभारी अनिल तिवारी ने बताया 9 फरवरी को हैदराबाद में यू.एफ.बी.यू. की केन्द्रीय समिति की बैठक में रूपरेखा तय की जायेगी उसके अनुसार देशव्यापी संघर्ष किया जायेगा।