टीम इंस्टेंटखबर
उत्तर प्रदेश के कानपुर निवासी प्रापर्टी डीलर मनीष गुप्ता का गोरखपुर में हत्या के मामले को लेकर योगी सरकार और यूपी पुलिस सवालों के घेरे है। विपक्षी दलों ने सरकार पर हमला बोलना शुरू कर दिया है। बसपा सुप्रीमो मायावती ने मनीष के हत्यारों की बचाने वालों की निंदा की है.

बीएसपी मुखिया मायवती ने अपने ट्वीट में कहा कि यूपी सीएम के गृह जनपद गोरखपुर की पुलिस द्वारा तीन व्यापारियों के साथ होटल में बर्बरता व उसमें से एक की मौत के प्रथम दृष्टया दोषी पुलिसवालों को बचाने के लिए मामले को दबाने का प्रयास घोर अनुचित है। इस मामले में घटना की गंभीरता और परिवार की व्यथा को देखते हुए मामले की सीबीआई जांच जरूरी है।

उन्होंने कहा कि आरोपी पुलिसवालों के विरूद्ध पहले हत्या का मुकदमा दर्ज नहीं करना किन्तु फिर जन आक्रोश के कारण मुकदमा दर्ज होने के बावजूद उन्हें गिरफ्तार नहीं करना सरकार की नीति और नीयत दोनों पर गंभीर प्रश्न खड़े करता है। सरकार पीड़िता को न्याय, उचित आर्थिक मदद और सरकारी नौकरी दे।

गौरतलब है कि गोरखपुर के एक होटल में 27 सितंबर की देर रात पुलिस की दबिश के दौरान कानपुर के प्रॉपर्टी डीलर मनीष गुप्ता की संदिग्ध मौत का मामला सामने आ गया है। मनीष गुप्ता की पत्नी मीनाक्षी ने आरोप लगाया कि डीएम-एसएसपी ने उन्हें एफआईआर कराने से रोका। एफआईआर तभी दर्ज हुई, जब मुख्यममंत्री योगी आदित्यनाथ ने हस्तक्षेप किया। पुलिस ने 29 सितंबर को तीन पुलिसवालों के खिलाफ नामजद और तीन अज्ञात के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है।