लखनऊ
आज के दौर में जहां समाज अक्सर आत्मकेंद्रितता की ओर बढ़ता दिखता है, वहीं कुछ संस्थाएं ऐसी भी हैं जो निःस्वार्थ सेवा को अपनी पहचान बनाकर जनमानस के दिलों में जगह बना रही हैं। ऐसी ही एक संस्था अम्बर फाउंडेशन ने लखनऊ के नबीउल्लाह रोड स्थित अपने कार्यालय में एक प्रेरणास्पद और भावुक कर देने वाला कार्यक्रम आयोजित किया, जिसमें उन दर्जनों लोगों ने भाग लिया जिनकी आंखों के मोतियाबिंद ऑपरेशन फाउंडेशन की मदद से सफलतापूर्वक कराए गए, और वे भी शामिल हुए जिनका इलाज प्रस्तावित है।

इस मुहिम की अगुवाई कर रहे अम्बर फाउंडेशन के चेयरमैन वफ़ा अब्बास का कहना है:

“अगर इस देश, इस क़ौम और इस समाज से वफ़ा चाहिए, तो पहले हमें वफ़ा करनी होगी। जो लोग इस मुहिम तक पहुंच रहे हैं, वो सिर्फ इलाज नहीं पा रहे – वो हमारी मोहब्बत, हमारी फिक्र और हमारी इंसानियत के हिस्सेदार बन रहे हैं।”
“हमें खुद को अपने लिए नहीं, दूसरों के लिए जीने की आदत डालनी होगी।”

वफ़ा अब्बास ने विशेष रूप से देश के रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह जी का ज़िक्र किया और कहा कि इसी तरह की ऊँची सोच और प्रेरणा से अम्बर फाउंडेशन ने अपनी सेवाओं को विस्तार दिया है।

कार्यक्रम की विशेषताएं:

मोतियाबिंद ऑपरेशन लाभार्थियों का सजीव सम्मान और अनुभव-वर्णन
आंखों से धुंधलेपन का अंधेरा मिटाकर नई रौशनी पाने वालों ने फाउंडेशन का धन्यवाद करते हुए दुआओं के साथ अपनी बातें साझा कीं। कुछ बुज़ुर्गों ने भावुक स्वर में कहा कि “अब दुनिया फिर से साफ़-साफ़ नज़र आ रही है, और यह सब अम्बर फाउंडेशन की वजह से मुमकिन हो सका।”

‘कलेक्टर बिटिया’ अभियान पर भी विशेष चर्चा हुई, जिसमें ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों की होनहार बेटियों को आगे बढ़ाने की पहल को बल दिया गया। शिक्षा, आत्मनिर्भरता और आत्मसम्मान इस मुहिम के मूल स्तंभ हैं।

कार्यक्रम की गरिमा बढ़ाने वाले गणमान्य अतिथियों में जमानत अली, सैक्रेटरी ऑर्गेनाइजेशन, अंजुमन वज़ीफा सादात,सैयद रिज़वान मुस्तफा, सेक्रेट्री, इंडियन इंडस्ट्रीज़ चैंबर ऑफ ट्रस्ट,शाजिया हसन, काउंसलर, अम्बर फाउंडेशन,फ़िरोज़ रिज़वी, सलाहकार, अम्बर फाउंडेशन,
पिंकी गुप्ता, सामाजिक कार्यकर्ता, जिन्होंने लाभार्थियों से संवाद कर उनकी समस्याओं और सुझावों को जाना

कार्यक्रम का संचालन न सिर्फ सेवा बल्कि संवाद और आत्मीयता से भरपूर था। चश्मा वितरण, भावनात्मक मुलाक़ातें, और फ़ाउंडेशन की योजनाओं की जानकारी ने हर उपस्थित व्यक्ति को प्रभावित किया।

अम्बर फाउंडेशन आज सिर्फ एक संस्था नहीं, बल्कि एक सामाजिक आंदोलन बन चुका है, जो वफ़ा, सेवा, शिक्षा, स्वास्थ्य और इंसानियत के साथ आगे बढ़ रहा है।

कार्यक्रम के अंत में सैयद रिजवान मुस्तफा ने कहा:

“यह सफ़र लंबा है, लेकिन जब साथ चलने वाले नेक इरादों वाले लोग हों, तो मंज़िलें आसान हो जाती हैं।”
“हम चाहते हैं कि हर इंसान अपने आस-पास किसी की मदद करने का जिम्मा ले — यही असल वतनपरस्ती है, यही असल इबादत है।”

अम्बर फाउंडेशन का यह प्रयास समाज में उम्मीद, रौशनी और ज़िम्मेदारी का प्रतीक बनता जा रहा है। जब इरादे नेक हों और मक़सद इंसानियत हो — तो हर मुहिम ‘अम्बर’ बन जाती है।