लखनऊ
भारत का बिजनेस करेस्पॉन्डेंट (BC) बाजार FY25 तक ₹147 अरब तक पहुंचने की ओर है और FY27 तक 19% की वार्षिक वृद्धि दर (CAGR) के साथ ₹207.2 अरब तक पहुंचने की संभावना है। इस विकास की मुख्य वजहें हैं – UPI का बढ़ता उपयोग, डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) योजनाओं का विस्तार और जनधन खातों की संख्या में बढ़ोतरी।

देश की सबसे बड़ी बीसी नेटवर्क कंपनी BLS E-Services Ltd का कहना है कि वह इस विकास की लहर का भरपूर लाभ उठाने के लिए पूरी तरह तैयार है, खासकर अब जब BC आउटलेट्स पर UPI आधारित नकद निकासी की सुविधा शुरू होने जा रही है।

BLS E-Services वर्तमान में 44,800 BC केंद्र और 1.42 लाख से अधिक टचपॉइंट्स का संचालन करती है। FY25 में कंपनी ने 140 मिलियन से अधिक लेनदेन किए, जिनका कुल मूल्य ₹87,000 करोड़ था। इसी अवधि में कंपनी की समेकित आय 76% बढ़कर ₹545 करोड़ हो गई, जबकि शुद्ध लाभ (PAT) में 75% की वृद्धि के साथ यह ₹58.8 करोड़ तक पहुंच गया।

BLS E-Services के चेयरमैन शिखर अग्रवाल ने कहा: “UPI से नकद निकासी की सुविधा BC नेटवर्क के दायरे को काफी बढ़ा देगी। हमारे पास देशव्यापी नेटवर्क, मजबूत तकनीकी ढांचा और बैंकों, एनबीएफसी व बीमा कंपनियों के साथ साझेदारी है, जिससे हम बाजार से तेज़ गति से आगे बढ़ सकते हैं।”
2006 में जब RBI ने BC फ्रेमवर्क शुरू किया था, तब से यह मॉडल ग्रामीण बैंकिंग की रीढ़ बन चुका है। आज BC नेटवर्क ग्रामीण क्षेत्रों के 97% बैंक आउटलेट्स का संचालन करता है और 60% से अधिक बेसिक सेविंग्स बैंक डिपॉजिट अकाउंट (BSBDA) ट्रांजैक्शन इन्हीं के माध्यम से होते हैं।

FY24 में कुल 159 अरब UPI लेनदेन हुए थे, जो FY29 तक बढ़कर 439 अरब तक पहुंच सकते हैं। ऐसे में BC आउटलेट्स का महत्व और बढ़ेगा, जो डिजिटल लेन-देन और नकद आवश्यकताओं के बीच की दूरी को खत्म करने में मदद करेंगे।

सरकारी योजनाएं जैसे कि प्रधानमंत्री जनधन योजना (PMJDY) और DBT ने बीसी नेटवर्क को एक स्थायी लेनदेन चैनल प्रदान किया है। वहीं, डिजिटल इंडिया और राज्य सरकारों की ई-गवर्नेंस योजनाओं ने BC की भूमिका को बैंकिंग से आगे बढ़ाकर पहचान पत्र पंजीकरण, बीमा, टेलीमेडिसिन और असिस्टेड कॉमर्स तक विस्तारित कर दिया है।

BLS E-Services ने अपने सेवाओं के दायरे को भी बढ़ाया है। कंपनी ने लोन डिस्ट्रीब्यूशन, बीमा और ई-गवर्नेंस सेवाओं को जोड़ा है। Aadifidelis Solutions के अधिग्रहण से कंपनी को एक मजबूत रिटेल क्रेडिट वितरण शाखा मिली, जिसने FY25 में ₹12,000 करोड़ से अधिक के ऋण वितरित किए। साथ ही SBI General Insurance और Bajaj Finserv के साथ साझेदारी से बीमा क्षेत्र में भी उपस्थिति बढ़ी है।

कंपनी अपनी AI-आधारित BLS Sewa प्लेटफॉर्म और वर्चुअल असिस्टेंट BLS Buddy की मदद से कार्यक्षमता बढ़ा रही है, जिससे मर्चेंट ऑनबोर्डिंग और क्रॉस-सेलिंग को अधिक प्रभावी बनाया जा रहा है।

BLS का लक्ष्य है कि 2030 तक अपने BC नेटवर्क को दोगुना किया जाए।

विशेषज्ञों का मानना है कि बीसी मॉडल अब एक निर्णायक मोड़ पर है – UPI से नकद निकासी, ग्रामीण ऋण की मांग, और DBT का लगातार प्रवाह अगले दशक के लिए जबरदस्त विकास अवसर लेकर आ रहे हैं। ऐसे में BLS, अपने स्केल और तकनीकी क्षमता के साथ, इस उछाल का सबसे बड़ा लाभार्थी बनने की स्थिति में है।