नई दिल्ली: देश में अबतक कोरोना वायरस के घोषित मामले 45.5 लाख के करीब हैं लेकिन सच यह है कि मई तक ही भारत में 64 लाख के करीब कोरोना के मामले आ चुके हैं. इस बात का खुलासा भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) द्वारा किये गए देशभर के पहले दौर के सीरो सर्वे (Sero Survey ) के नतीजों के एलान में हुआ है. यह सर्वे 11 मई से 4 जून के बीच कराए गए थे. इस सर्वे में 21 राज्यों के करीब 28 हजार लोग शामिल थे.

18 साल से 45 साल के लोग सबसे ज़्यादा प्रभावित
सर्वे में यह पाया गया कि मई के अंत तक ही देश में 64,68,388 लोग संक्रमित हो चुका था. सर्वे में देखा गया कि सबसे ज्यादा 18 साल से 45 साल के 43.3 फीसदी लोगों में वायरस का संक्रमण देखा गया. इसके बाद 46 साल से 60 साल के 39.5 फीसदी लोग थे. वहीं, 60 साल के बाद के 17.2 फीसदी लोग शामिल थे. सर्वे से ये अनुमान लगाया गया कि आरटी-पीसीआर टेस्ट से कोरोना के हर एक मामले की पुष्टि के लिए भारत में 82-130 संक्रमण थे. सीरो सर्वे से ये भी पता चला है कि गांव के करीब 44 लाख लोग कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं.

ग्रामीण इलाक़ों में 69.4% पॉजिटिविटी
सर्वे के नतीजों के मुताबिक इलाकों के हिसाब से सबसे ज्यादा पॉजिटिविटी 69.4 फीसदी ग्रामीण इलाकों में रही. शहरी स्लम में पॉजिटिविटी 15.9 फीसदी, शहरी नॉन-स्लम इलाकों में 14.6 फीसदी रही. ग्रामीण क्षेत्रों में संक्रमण फैलने को लेकर भी चिंता भी बढ़ गई है, क्योंकि वहां चिकित्सा सुविधाओं का अभाव है. भारत की 1.3 अरब आबादी का 65 फीसदी हिस्सा गांवों में है.

क्या होता है सेरो सर्वे
इस सर्वे के तहत आमतौर पर इस बात का पता लगाया जाता है कि आखिर किसी जिले या शहर में कितने लोग कोरोना से संक्रमित होकर ठीक हो गए हैं. शरीर में मौजूद एंटीबॉडी से इसका पता लगाया जाता है. इसके अलावा इससे ये भी पता चलता है कि क्या कहीं कोरोना कम्युनिटी ट्रांसमिशन के कगार पर तो नहीं पहुंच गया है. सीरो सर्वे का पहला दौर इस साल अलग-अलग शहरों और राज्यों में लॉकडाउन के दौरान मई में किया गया था.