नई दिल्ली: भारत और चीन की सेना के बीच हुए हालिया विवाद के बाद सोशल मीडिया में चाइनीज प्रॉडक्ट के बहिष्कार की मांग भी तेज हो गई है। इस बीच ऑटो सेक्टर में भी एक सवाल उठने लगा है कि क्या चीन के सामानों के बिना बिजनेस करना संभव है।

राजीव बजाज ने मीडिया को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि, हम लंबे समय से चीन से कारोबार कर रहे हैं। ऐसे में चीनी वेंडरों से हमारे रिश्ते भी अच्छे बन चुके हैं। बिजनेस टुडे के मुताबिक राजीव बजाज का कहना है कि उनकी कंपनी हर साल करीब 600 से 700 करोड़ रुपये के कंपोनेंट्स चीन से आयात करती है। इनमें से बाइक्स के सस्पेंशन सिस्टम और बाइक से जुड़े अन्य इलेक्ट्रॉनिक सामान भी चीन से ही आयात किए जाते हैं।

राजीव का कहना है कि चीनी बाजार के पास दोपहिया वाहनों के लिए खासतौर पर बेहतर सपोर्ट सिस्टम है। उनके पास बिजनेस के लिए जमीन, लॉजिस्टिक, लेबर और मैन्युफैक्चरिंग जैसे बेहतरीन सोर्स होने के कारण वो कम कीमत में कंपोनेंट्स तैयार कर लेते हैं।

राजीव का कहना है कि चीन से कंपोनेंट्स इसलिए खरीदते हैं क्योंकि वो हमें सस्ते पड़ते हैं, और व्यापार एक सिद्धांत पर चलता है। इस सिद्धांत के अनुसार जहां से भी सस्ते कंपोनेंट्स मिलते हैं वहीं से खरीदना चाहिए।

राजीव बजाज का कहना है कि, चीन से उस समय भी कंपोनेंट्स आयात करते थे जब भारतीय मुद्रा 60 रुपये प्रति डॉलर थी। आज जब भारतीय मुद्रा 76 रुपये प्रति डॉलर है तब भी हम चीन से कंपोनेंट्स आयात कर रहे हैं। ऐसा नहीं है कि भारत में बनने वाले पुर्जे बेकार हैं लेकिन चीन से आयात करना सस्ता पड़ता है और इसी वजह से चीन से भारी मात्रा में कंपोनेंट्स आयात किये जाते हैं।