लखनऊ

शमशान घाटों में जलती चिताएं बता रही है मोदी-योगी सरकार की नाकामियां

लखनऊ से तौसीफ़ क़ुरैशी

राज्य मुख्यालय: कोरोना वायरस कोविड-19 दिन प्रतिदिन विकराल रूप धारण कर रहा है, केन्द्र की मोदी सरकार व यूपी की योगी सरकार बेबस नज़र आ रही है, पूरी व्यवस्था और सिस्टम घुटनों पर आ गया है, चारों ओर हाहाकार नज़र आ रहा है। ऑक्सीजन की कमी के चलते मरीज़ों की साँसें रूक रही हैं, जनता में भय का वातावरण बन रहा है साथ ही सरकारों के प्रति रोष व्याप्त है,मगर पत्थर दिल सरकार न ऑक्सीजन का इंतज़ाम करा पा रही हैं और न ही सरकार प्रयास करती दिख रही है, न मरीज़ों को अस्पतालों में बेड उपलब्ध करा पा रही है. शमशानों में लासों की लाइनें लगी है वहीं योगी सरकार के एक आदेश ने मरीज़ों की मुश्किलें और बढ़ा दी है सरकार के आदेश के बाद अब निजी तौर पर कोई भी ऑक्सीजन नहीं ले सकेगा मरीज़ों के तीमारदारों की मजबूरी और लाचारी साफ़ झलक रही है, तीमारदार रो रहे हैं बिलक रहे हैं लेकिन धार्मिक धुर्वीकरण के सहारे सत्ता हासिल करने वाली मोदी की भाजपा सरकार पर कोई फ़र्क़ नहीं पड़ रहा है।

गोदी मीडिया भय का माहौल बनाने का काम कर रहा है वह सरकारों की नाकामियों को छुपाने का प्रयास कर रहा है वह इस पर कोई चर्चा नहीं कर रहा है जिससे सरकारों की कुंभकर्णी नींद खुल जाए क्योंकि गोदी मीडिया ने क़सम खाई है कि हम देश हित में नहीं मोदी सरकार के हित के लिए पत्रकारिता करेंगे यही वजह है कि आज मीडिया से जनता का विश्वास उठ गया है गोदी मीडिया सरकार से नहीं विपक्ष से सवाल करता है और गंभीर मामलों को लीपा पोती कर ख़त्म कर देता है। पिछले सात सालों से जबसे मोदी सरकार सत्ता में आई है तब से ही देश विभिन्न संकटों का सामना कर रहा है लेकिन मोदी की भाजपा सरकार उन संकटों का मुक़ाबला हिन्दू मुसलमान कर मामले निपटा लेती थी. कोरोना वायरस के दौर में कभी ताली थाली बजवा कर तो मोबाइल फ़ोन की टार्च जलवा कर टोटकों से कोरोना वायरस कोविड-19 जैसी भयानक महामारी से लड़ने की बात कर रही थी लेकिन कोई ख़ास तैयारी नहीं की. कोरोना वायरस को शुरुआत में अगर गंभीरता से लिया गया होता तो हम इसका बेहतर तरीक़े से सामना कर सकते थे लेकिन मोदी सरकार का पूरा कार्यकाल हिन्दू मुसलमान करने में ही बीत गया है यही वजह है कि कोरोना वायरस जैसी महामारी ने मोदी सरकार की सच्चाई जनता के सामने लाकर खड़ी कर दी है।

चारों ओर लाचारी बेबसी का मंजर सामने हैं अभी भी वक़्त है सरकारों को गंभीरता पूर्वक कार्यों को अमल में लाना चाहिए मोदी सरकार को संयुक्त विपक्ष की वर्चुअल मीटिंग बुलाकर मशविरा करना चाहिए और विपक्ष को भी इस भयानक दौर में दलगत भावना से ऊपर उठकर सरकार के साथ कदम से कदम मिलाकर चलना चाहिए और मोदी सरकार को भी इमानदारी से विपक्ष से सहयोग लेना चाहिए न कि सिर्फ़ दिखावा किया जाए जैसा की अब तक किया गया है।समय रहते अगर इस संकट से निपटने के लिए गंभीर होकर कार्य नहीं किए गए तो आने वाले दिनों में इससे भी भयानक दौर का सामना करना पड़ सकता है।

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