मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना में पांच साल की देरी हो सकती है। जापानी कंपनियों की कम हिस्सेदारी, नीलामी के लिए बोली लगाने वालों के अनुचित रेट की वजह से कैंसल हुए टेंडर, भूमि अधिग्रहण में देरी, कोरोना महामारी सहित अंडरग्राउंड प्रॉजेक्ट जैसी वजहों से पीएम नरेंद्र मोदी के दिल के बेहद करीब माने जाने वाली ये परियोजना अब देर से पूरी हो सकती है।

अक्टूबर 2028 नया लक्ष्य
एक अंग्रेजी अखबार की रिपोर्ट के अनुसार रेलवे अब ये मान कर चल रहा है कि इस परियोजना को अब अक्टूबर 2028 तक पूरा किया जा सकेगा। पूर्व के तय समय के अनुसार इसे साल 2023 के दिसंबर तक पूरा कर लिया जाना था।

63 प्रतिशत भूमि का अधिग्रहण
रिपोर्ट के मुताबिक नेशनल हाई स्पीड रेल कॉरपोरेशन ने परियोजना के लिए 63 प्रतिशत भूमि का अधिग्रहण कर लिया है जिसमें गुजरात में लगभग 77 प्रतिशत भूमि, दादर नगर हवेली में 80 प्रतिशत और महाराष्ट्र में 22 प्रतिशत भूमि शामिल हैं।

महामारी के कारण नहीं खुल सके टेंडर
अधिकारियों ने बताया कि महाराष्ट्र के पालघर और गुजरात के नवसारी जैसे इलाकों में अभी भी भूमि अधिग्रहण से जुड़े कुछ मुद्दे हैं। अधिकारियों ने कहा कि पिछले साल कंपनी ने नौ लोक निर्माण टेंडर मंगवाए थे लेकिन इन्हें कोरोना वायरस महामारी के कारण खोला नहीं जा सका।