राजस्थान में बड़ा बदलाव आने वाला है। बीएलएस ई-सर्विसेज ने घोषणा की है कि वह अगले दो वर्षों में राज्य में 5000 नए बिज़नेस करेस्पोंडेंट (BC) केंद्र खोलेगी। ये केंद्र चरणबद्ध तरीके से शुरू किए जाएंगे और 2027 तक पूरी तरह चालू हो जाएंगे। कंपनी का कहना है कि यह कदम उन गाँवों के लोगों के लिए बड़ी राहत लाएगा, जिन्हें अभी भी बैंक जाने के लिए घंटों का सफर तय करना पड़ता है।
आपके द्वार पर बैंकिंग
नए बीसी केंद्र खुलने से गाँव के लोगों को अब पैसे जमा या निकालने, सब्सिडी और पेंशन प्राप्त करने के लिए कस्बों या शहरों में नहीं जाना पड़ेगा। लेनदेन फिंगरप्रिंट ऑथेंटिकेशन या मोबाइल ओटीपी के ज़रिए किए जा सकेंगे। इन केंद्रों पर बिल भुगतान, मोबाइल रिचार्ज, बीमा, लोन, और सरकारी योजनाओं की सेवाएँ भी उपलब्ध होंगी — यानी अब सारी सुविधाएँ गाँव में ही मिलेंगी।
युवाओं के लिए अवसर
बीएलएस के अनुसार, हर नया बीसी केंद्र स्थानीय युवक द्वारा संचालित किया जाएगा, जिसे कंपनी प्रशिक्षण और डिजिटल टूल्स प्रदान करेगी। यह पहल ग्रामीण युवाओं को सतत रोजगार और सम्मानजनक आजीविका प्रदान करने का लक्ष्य रखती है। कंपनी का अनुमान है कि 5000 केंद्रों से कई लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष दोनों प्रकार से रोजगार मिलेगा।
ग्रामीण बैंकिंग में बदलाव
वर्तमान में राजस्थान के ग्रामीण इलाकों में एक किसान या मज़दूर को साधारण बैंक लेनदेन के लिए आधा दिन लग जाता है। नए बीसी केंद्रों से समय और धन दोनों की बचत होगी और बैंकिंग में पारदर्शिता बढ़ेगी। धीरे-धीरे लोग डिजिटल लेनदेन और कैशलेस भुगतान की ओर बढ़ेंगे।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह पहल ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई गति देगी और गाँव डिजिटल हब के रूप में विकसित होंगे।
बीएलएस ई-सर्विसेज के चेयरमैन शिखर अग्रवाल ने कहा, “राजस्थान हमारे विस्तार की रीढ़ बनेगा। 2027 तक हर ब्लॉक में आधुनिक बीसी केंद्र होंगे। बैंकिंग बदल रही है, और अब समय है ‘स्टेप बैंकिंग विद बीएलएस’ का।” उन्होंने आगे कहा, “बीसी केंद्र सिर्फ सेवा बिंदु नहीं हैं, बल्कि सामाजिक परिवर्तन के माध्यम हैं। अब ग्रामीण राजस्थान भी वही बैंकिंग सेवाएँ पाएगा जो पहले केवल शहरी क्षेत्रों तक सीमित थीं। यही है सच्चा वित्तीय समावेशन।”
आँकड़े क्या कहते हैं
वर्तमान में बीएलएस के पास पूरे भारत में 45,000 से अधिक बीसी एजेंट हैं, और राजस्थान में तेजी से विस्तार जारी है।