दिल्ली:
सुप्रीम कोर्ट ने एक अंतरिम आदेश में ‘मोदी उपनाम’ टिप्पणी पर आपराधिक मानहानि मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की सजा पर रोक लगा दी। मोदी सरनेम केस में सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि निचली अदालत के न्यायाधीश द्वारा अधिकतम सजा देने का कोई कारण नहीं बताया गया है, अंतिम फैसला आने तक दोषसिद्धि के आदेश पर रोक लगाने की जरूरत है।

सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि बयान अच्छे मूड में नहीं होते हैं, सार्वजनिक जीवन में व्यक्ति से सार्वजनिक भाषण देते समय सावधानी बरतने की उम्मीद की जाती है। जैसा कि इस अदालत ने अवमानना याचिका में उनके हलफनामे को स्वीकार करते हुए कहा, उन्हें (राहुल गांधी) अधिक सावधान रहना चाहिए था।

सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को राहत देते हुए कहा कि ट्रायल कोर्ट के आदेश के प्रभाव व्यापक हैं। इससे न केवल राहुल गांधी का सार्वजनिक जीवन में बने रहने का अधिकार प्रभावित हुआ, बल्कि उन मतदाताओं का अधिकार भी प्रभावित हुआ, जिन्होंने उन्हें चुना था।

आपको बता दें, मोदी सरनेम केस में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने SC में अर्जी दाखिल करते हुए गुजरात हाईकोर्ट के फैसले को चैलेंज किया था। बता दें, मोदी सरनेम केस में गुजरात की सूरत कोर्ट ने राहुल गांधी को दो साल की सजा सुनाई थी। जिसके बाद राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता रद्द कर दी गई थी।

इससे पहले राहुल गांधी ने सूरत कोर्ट के फैसले को गुजरात हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। गुजरात हाईकोर्ट ने 7 जुलाई को अपना फैसला सुनाया था। कोर्ट ने सूरत सेंशस कोर्ट के फैसले को बरकरार रखा था।

गौरतलब है कि, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान कर्नाटक में एक रैली के दौरान मोदी सरनेम को लेकर बयान दिया था। उन्होंने नीरव मोदी, ललित मोदी का उदाहरण देते हुए कहा था कि सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है? राहुल गांधी के इस बयान को लेकर BJP MLA पूर्णेश मोदी ने राहुल के खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज कराया था। मामला दर्ज करने के चार साल बाद इसी साल 23 मार्च को सूरत की निचली अदालत ने राहुल को दोषी करार देते हुए 2 साल की सजा सुनाई थी।

पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी गुजरात कोर्ट के फैसले पर ट्विटर पर एक लंबा लेख लिखा जिसकी शुरुआत समर शेष है जनगंगा को खुल कर लहराने दो… से होती है। अपने ट्वीट के अंत में उन्होंने लिखा कि सत्य की जीत होगी। जनता की आवाज जीतेगी।