ग्वालियर: कोरोना वायरस संक्रमण के बीच मध्यप्रदेश के ग्वालियर में बड़ा हादसा हुआ है और यहां दुकान सह आवासीय परिसर में मौजूद एक पेंट की दुकान में सोमवार को भयंकर आग लग गई, जिसमें चार बच्चों और तीन महिलाओं समेत 7 लोगों की मौत हो गई। दमकल कर्मियों ने आग पर करीब दो घंटे बाद काबू पाया। पुलिस ने बताया कि 7 लोगों की मौत के अलावा घटना में चार लोगों को भी गंभीर चोटें आई हैं और कुछ लोगों को सुरक्षित भी निकाला गया है।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी) सत्येंद्र सिंह तोमर ने बताया कि शहर के इंदरगंज इलाके में रोशनीघर मार्ग पर रंगवाला नाम से पेंट की दुकान है। उन्होंने बताया कि सोमवार सुबह करीब 10 बजे इस दुकान में आग लग गई। लोग कुछ समझ पाते, इससे पहले ही दुकान और उसके ऊपर व साथ में लगे मकान में आग फैल गई। दुकान में पेंट और ज्वलनशील पदार्थ भरा था, जिसके कारण यह आग तेजी से फैली।
तोमर ने बताया कि मकान की पहली मंजिल पर घर के पुरुष थे और दूसरी मंजिल पर महिलाएं और बच्चे थे। आग तेजी से फैली, जिसके कारण दूसरी मंजिल पर बच्चे और महिलाएं फंसे रह गए। उन्होंने बताया कि दमकल कर्मियों का अमला आग बुझाने आया, लेकिन तेजी से फैलती आग के कारण तीन महिलाएं और चार बच्चे बुरी तरह झुलस गए और उनकी मौत हो गई।
एएसपी ने बताया कि दो घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया और वहां राहत कार्य जारी है। दमकल व पुलिस के कर्मी पीछे से मकान में घुसने की कोशिश कर रहे हैं। इसके लिए जेसीबी की मदद ली जा रही है। उन्होंने बताया कि दो बच्चों सहित कुछ महिलाओं को जली हुई अवस्था में बाहर निकाला गया है। उनका अस्पताल में इलाज किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि अभी मृतकों के नाम पूरी तरह से स्पष्ट नहीं हुए हैं। जिन मकानों में आग लगी है, उसमें कुल 16 लोग थे, जिसमें से चार बच्चे, छह महिलाएं और छह पुरुष शामिल हैं। इसमें से चार बच्चों और तीन महिलाओं की मौत हुई है। उन्होंने बताया कि आग कैसे लगी, इसका भी पता लगाया जा रहा है।
मृतको में एक ही परिवार की दो सगी बहने, परिजनो में मचा कोहरामएसडीएम-सीओ समेत पुलिस…
बाइक सवार मित्रों को गांव से घसीटते हुए एक किलो मीटर दूर ले गई,सहमे लोग…
मुंबईएचडीएफसी बैंक के मोबाइल ऐप पेज़ैप (PayZapp) को 'सेलेंट मॉडल बैंक' अवार्ड मिला है। एचडीएफसी…
-कम सैलरी में पत्रकारों का 24 घंटे काम करना सराहनीयः पवन सिंह चौहान -यूपी वर्किंग…
(व्यंग्य : राजेंद्र शर्मा) हम तो पहले ही कह रहे थे, ये इंडिया वाले क्या…
(अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस पर विशेष आलेख : संजय पराते) आजादी के आंदोलन में ट्रेड यूनियनों…