अयोध्या।
अयोध्याधाम में श्री राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के शुभ अवसर पर पीएमआई इलैक्ट्रो मोबिलिटी की 100 इलैक्ट्रिक बसों (ई-बसों) को इस पावन नगरी में यात्रियों की सुविधा के लिए उपलब्ध कराने की योजना है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ, ज़ीरो-कार्बन पब्लिक मोबिलिटी पहल के अंतर्गत, 14 जनवरी, 2024 को अयोध्याधाम बस स्टैंड से इन बसों को झंडी दिखाकर रवाना करेंगे। ये ई-बसें अयोध्या पहुंचने वाले गणमान्य जनों, तीर्थयात्रियों तथा स्थानीय नागरिकों के लिए शहर में आवागमन हेतु सार्वजिनक परिवहन की पर्यावरण अनुकूल एवं आरामदायक सुविधा प्रदान करेंगी। उल्लेखनीय है कि इन ई-बसों से शहर को प्रदूषण मुक्त रखने तथा ग्रीन ट्रांसपोर्ट मिशन को बढ़ावा देने में भी मदद मिलेगी। ‘मेक-इन-इंडिया’ पहल के अंतर्गत, भारत में ई-बसों के अग्रणी निर्माता पीएमआई इलैक्ट्रो मोबिलिटी इंडिया के पास राज्य में ई-बसों का सबसे बड़ा बेड़ा है। इस मौके पर, डॉ आंचल जैन, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, पीएमआई इलैक्ट्रो मोबिलिटी सॉल्यूशंस प्रा लिमि ने कहा, “हमें इस बात की बेहद खुशी है और हम खुद को सम्मानित महसूस कर रहे हैं कि ये ई-बसें श्री राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा से ठीक पहले परिचालन शुरू करेंगी। यह पीएमआई इलैक्ट्रो मोबिलिटी के लिए गर्व का अवसर है कि हमारी ई-बसें अयोध्या नगरी में चलेंगी और हमारे माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की 2070 तक नैट जीरो राष्ट्र का लक्ष्य साकार करने में योगदान करेंगी। हम उत्तर प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के भी आभारी हैं जिन्होंने हमें राज्य में ग्रीन पब्लिक मोबिलिटी परिचालनों को मजबूती प्रदान करने का यह अवसर दिया है। हमारी ई-बसेंदेशभर में अपनी क्षमताओं को पहले ही प्रमाणित कर चुकी हैं और ये देश में पर्यावरण सुधार में भी सहायक होंगी। समूचे उत्तर प्रदेश में पीएमआई इलैक्ट्रो मोबिलिटी की 700 ई-बसें पहले से ही तैनात हैं जिनसे 11036 टन कार्बन फुटपिं्रट में कटौती करने के साथ-साथ 1,62,06,750 लीटर/1.46 करोड़ रु का डीज़ल खर्च बचाने में भी मदद मिलेगी। डॉ जैन ने कहा, “हम सार्वजिनक परिवहन के विद्युतिकरण के राज्य के महत्वाकांक्षी लक्ष्य को और मजबूत बनाने को लेकर उत्सुक हैं और आने वाले समय में राज्य के सभी प्रमुख शहरों के लिए और भी ई-बसें उपलब्ध कराएंगे। अयोध्या में ज़ीरो कार्बन मोबिलिटी को बढ़ावा देने के उद्देश्य से यहां इन ई-बसों को सार्वजनिक परिवहन बेड़े में शामिल किया गया है।