पुणे: कोविड-19 के खिलाफ जारी संघर्ष को और मजबूती देने के उद्देश्य से, बजाज फिनसर्व तथा इसकी सहायक कंपनियों के कर्मचारियों ने स्वेच्छा से अपने वेतन के एक हिस्से को पीएम-केयर्स फंड में अनुदान स्वरूप देने का निर्णय लिया है। बजाज होल्डिंग्स एंड इंवेस्टमेंट्स और बजाज फिनसर्व के साथ-साथ इसकी सहायक कंपनियों- यानी कि बजाज फाइनैंस, बजाज हाउसिंग फाइनैंस, बजाज आलियांज जनरल इंश्योरेंस, बजाज आलियांज लाइफ़ इंश्योरेंस, बजाज फिनसर्व डायरेक्ट और बजाज फिनसर्व हेल्थ के लगभग 32,000 कर्मचारियों ने एकजुट होकर प्रयास किया, जिसके परिणामस्वरूप कुल 5,07,66,716/- रुपये की राशि का योगदान दिया गया।

बजाज फिनसर्व की कंपनियों ने इतनी ही राशि का पुनः योगदान देने का निर्णय लिया है, और इस तरह कुल राशि दोगुनी, यानी कि 10,15,33,432/- रुपये हो जाएगी, जिसे पीएम-केयर्स फंड में दान किया जाएगा।

इससे पहले, बजाज ग्रुप ने कोविड-19 के खिलाफ जारी संघर्ष में 100 करोड़ रुपये के योगदान का संकल्प लिया था, तथा अब तक देश के विभिन्न भौगोलिक क्षेत्रों में कई अलग-अलग परियोजनाओं के जरिए तकरीबन 40 करोड़ रुपये की सहायता उपलब्ध कराई जा चुकी है। बजाज ग्रुप तथा इसके सहयोगियों की ओर से, पुणे और इसके आसपास के इलाकों में प्रतिदिन 40,000 से ज्यादा बेघर एवं बेहद जरूरतमंद लोगों को तैयार भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है। समूह ने उत्तराखंड और पुणे के अलावा देश के कई अन्य क्षेत्रों में सरकारी अस्पतालों को 12,000 से अधिक पीपीई (PPEs) प्रदान किए हैं, तथा ज्यादा-से-ज्यादा मात्रा में पीपीई (PPEs) की खरीद की दिशा में काम जारी है। सुरक्षा उपकरण मुहैया कराने के अलावा, बजाज ग्रुप ग्रामीण स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए सक्रियतापूर्वक काम कर रहा है, तथा इसके लिए कई अस्पतालों को वेंटिलेटर उपलब्ध कराए हैं और कोविड-19 से लड़ने के लिए ग्रामीण इलाकों में लोगों के बीच जागरूकता फैलाने का काम बड़े पैमाने पर किया जा रहा है।

बजाज फिनसर्व के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, श्री संजीव बजाज ने इस पहल पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा, “हमारे कर्मचारियों ने स्वेच्छा से अपने वेतन के एक हिस्से को पीएम-केयर्स फंड में अनुदान स्वरूप देने का निर्णय लिया है, जो हमारे लिए गर्व की बात है। कोविड-19 के खिलाफ मौजूदा संघर्ष में हम अपने संकल्प पर कायम हैं, तथा इस महामारी से निपटने में सरकार एवं समुदायों को यथासंभव अपना सहयोग दे रहे हैं।”