लखनऊ:
माफिया डॉन अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ पर शनिवार रात को 3 लड़कों ने पुलिस और प्रेस की मौजूदगी में सरे आम हत्या कर दी. इस दोहरे हत्याकांड को लवलेश तिवारी, अरुण मौर्य और सनी सिंह को मौके पर ही गिरफ्तार किया गया है और इसकी वजह यह है कि इन तीनों ने घटना को अंजाम देने के बाद भागने की कोशिश भी नहीं की। पुलिस की कस्टडी में किसी की इस तरह से हत्या ने लोगों को हिलाकर रख दिया है, वहीँ पुलिस की लापरवाई और सुरक्षा चूक पर सवाल उठाये जा रहे हैं. घटना के बाद तीनों हत्यारों का पता ठिकाना पता चल चूका है लेकिन एक हैरानी वाली यह सामने है कि तीनों के परिवार वाले लगभग एक जैसी भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं कि उन तीनों का घर कोई वास्ता नहीं।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पकडे गए तीनों हत्यारे लवलेश, सनी और अरुण अलग-अलग जिलों के रहने वाले हैं। तीनों के परिवारों में किसी तरह संपर्क की फिलहाल कोई बात सामने नहीं आई है लेकिन तीनों हत्यारोपियों के परिवार वालों के बयान तकरीबन एक जैसे बयान एक जैसे हैं। तीनों के परिवारवाले कह रहे हैं कि ये बहुत पहले घर छोड़ चुके थे। इनका परिवार से कोई मतलब नहीं था। तीनों परिवारों के एक जैसे बयान कहीं न कहीं सवाल तो खड़ा ही कर रहे हैं.

अतीक-अरशद की हत्या में शामिल एक अरूण मौर्य उर्फ कालिया कासगंज जिले के गांव बघेला पुख्ता का रहने वाला है। अरूण के माता-पिता की मौत हो चुकी है। मीडिया उसके घर पहुंची तो अरुण के परिवार ने कहा, वो तो 11-12 साल की उम्र में ही गांव से भाग गया था। काफी दिन से अरूण गांव नहीं आया है। अरुण ने प्रयागराज में क्या किया है, उन्हें इसका कोई पता नहीं है। अरुण का परिवार से से कोई ताल्लुक होने से उन्होंने इनकार कर दिया।

वहीँ दूसरा हत्यारोपी सनी सिंह हमीरपुर का है। सनी सिंह के भाई पिंटू सिंह ने हत्याकांड के बाद कहा, सनी बचपन में ही घर से भाग गया था। वो ऐसे ही घूमता-फिरता रहता था और फालतू के काम करता था। उसके ऊपर पहले से भी मामले दर्ज हैं। परिवार का उससे कोई नाता नहीं हैं. वहीँ लवलेश का परिवार भी कुछ इसी तरह की बातें कर रहा है.