लखनऊ
भाकपा (माले) ने भाजपा प्रवक्ताओं के बोल पर अंतर्राष्ट्रीय जगत में भारत की पिट रही भद्द पर कहा है कि मशहूर कहावत ‘जैसा बोओगे, वैसा काटोगे’ भाजपा पर फिट बैठ रही है।

माले राज्य सचिव सुधाकर यादव ने सोमवार को कहा कि भाजपा प्रवक्ताओं ने टीवी डिबेट से लेकर ट्विटर तक में वही फरमाया, जो भाजपा की राजनीति है। नफरत की राजनीति और दर्शन संघ-भाजपा की पाठशाला की उपज है। ऐसे में प्रवक्ताओं का निलंबन-बर्खास्तगी महज दिखावा है और भाजपा की ओर से जारी निंदा बयान मूल कारणों को छुपाने की कोशिश है। इस मामले में भाजपा सरकार की ओर से कोई कानूनी कार्रवाई भी नहीं की गई है। यह सरकार के दोहरे मानदंड का भी परिचायक है।

माले नेता ने कहा कि प्रवक्ताओं द्वारा पैगम्बर को लेकर दिए अपमानजनक बयान में पीएम मोदी और शीर्ष भाजपा नेतृत्व को तबतक कुछ गलत नहीं लगा, जब तक कि अरब जगत व अन्य देशों ने आपत्ति नहीं जताई। जबकि देश के भीतर अल्पसंख्यक समुदाय शुरु से ही इसका प्रतिवाद कर रहा था। कानपुर सहित कई जगहों पर विरोध हुआ।

माले नेता ने कहा कि पैगम्बर पर विवादित बोल पर भाजपा और सरकार के बैकफुट पर आने के बाद कानपुर झड़प मामले में प्रशासन को घटनाक्रम को समग्रता में देखना होगा। ‘गुडवर्क’ के चक्कर में एकतरफा कार्रवाई, निर्दोषों के उत्पीड़न और धरपकड़ कर आतंकित करने का संदेश नहीं जाना चाहिए। पूर्व में अधिकारियों द्वारा आरोपितों के घरों-संपत्तियों पर बुल्डोजर चलाने की बात कही गई। बिना अदालती आदेश के इस तरह की संभावित कार्रवाई कानून के राज का उल्लंघन होगा। उन्होंने कहा कि भाजपा जिस तरह बुल्डोजर को उछाल रही है, उससे लगता है कि सन ’24 में उसका चुनाव चिन्ह कमल से बदलकर बुल्डोजर होने वाला है।