तेहरान:यमन के अंसारुल्लाह आंदोलन के नेता ने पूरी दुनिया के मुसलमानों से, इस्राईल को फ़िलिस्तीनी इलाक़ों, अतिग्रहित वेस्ट बैंक और पूर्वी अलक़ुद्स से निकालने के लिए एकजुट होने की अपील की है।

अब्दुल मलिक अलहूसी ने गुरूवार को सनआ से प्रसारित टेलीविजन पर स्पीच में, मुसलमानों से दुश्मनों के ख़िलाफ़ संगठित होने और तेल अबिब शासन का बायकॉट करने की अपील की।

उन्होंने यह कहते हुए “जो अमरीका और इस्राईल के साथ सहयोग कर रहे हैं, वे पश्चिम एशिया के लोगों के ख़िलाफ़ अपराध कर रहे हैं।” अरब सरकारों को, इस्राईल से संबंध बनाने पर आधारित अमरीका द्वारा प्रायोजित डील में शामिल होने पर, फटकार लगायी।

अब्दुल मलिक अलहूसी ने कहा कि सऊदी अरब और यूएई, खुल्लम खुल्ला अरब और मुसलमान राष्ट्रों पर दबाव डाल रहे हैं कि वे अमरीका और इस्राईल के सामने झुकें, उनसे वफ़ादारी करें और प्रतिरोध के मोर्चे से बैर दर्शाएं।

उन्होंने कहा कि जिस चीज़ ने इस्राईल को मुसलमानों की ज़मीन पर हमला करने और उसे हड़पने से रोक दिया वह पहले लेबनान का हिज़्बुल्लाह मोर्चा था और उसके बाद फ़िलिस्तीनी प्रतिरोध धड़ा है।

अंसारुल्लाह के प्रमुख ने क्षेत्र में प्रतिरोध के मोर्चे का समर्थन करने पर इस्लामी गणतंत्र ईरान की सराहना की।

अब्दुल मलिक हूसी ने वॉशिंगटन और तेल अबिब द्वारा तकफ़ीरी आतंकियों को मुसलमानों के बीच फूट डालने के लिए इस्तेमाल किए जाने का भी ज़िक्र किया।

उन्होंने कहाः “तकफ़ीरी फ़ितना जिसने सीरिया, हिज़्बुल्लाह और इराक़ी जनता को निशाना बनाया, अमरीका और इस्राईल का नौकर है।”

अब्दुल मलिक अलहूसी ने बल दिया कि ईरान के साथ साथ लेबनान और फ़िलिस्तीन के प्रतिरोध मोर्चे ने हमेशा अमरीका और इस्राईल के विस्तारवादी लक्ष्यों के ख़िलाफ़ डट कर मुक़ाबला किया।

उन्होंने कहा कि सऊदी अरब और यूएई के मीडिया हल्क़ों ने ग़ज़्ज़ा पट्टी पर इस्राईली सेना के 11 दिवसीय हमले के दौरान फ़िलिस्तीनी प्रतिरोध के मोर्चे के ख़िलाफ़ रवैया अपनाया, मानो वे तेल अबिब घटक हैं।