टीम इंस्टेंटखबर
मुस्लिम समाज से नफरत करने वालों का घिनावना चेहरा एकबार फिर सामने आया है. इन असामाजिक तत्वों और नफरती चिंटुओं ने bulli bai app के ज़रिये मुस्लिम समाज की महिलाओं को एकबार फिर अपना टारगेट बनाया। इस एप्प पर मुस्लिम औरतों के खिलाफ भद्दी भद्दी बातें लिख रहे हैं.

यह बता दें कि कुछ ही समय ऐसी ही एक कोशिश Sulli deal app के जरिया हुई थी जहाँ मुस्लिम समाज की विभिन्न क्षेत्र में सक्रिय महिलाओं की वर्चुअल नीलामी की जाती थी. Bulli Bai एप्प भी ठीक उसी तरह काम करता है. इस एप्प को Github पर लांच किया गया है. Github एक ओपन-सोर्स होस्टिंग प्लेटफॉर्म है जो यूजर्स को ऐप्स बनाने और साझा करने की अनुमति देता है. इसके लिए आपको सिर्फ ई-मेल की जरूरत पड़ती है.

Bulli Bai app का खुलासा एक मुस्लिम महिला पत्रकार ने किया जिसके नाम और फोटो का इस्तेमाल इस घटिया एप्प पर किया गया था, महिला पत्रकार ने ट्विटर पर इस बारे में अपनी आपबीती साझा की. इन नफरती लोगों ने इस महिला पत्रकार की फोटो Bulli Bai ऐप पर शेयर कर दी है, और इस पत्रकार के लिए लोग sexist और misogynist कमेंट लिख रहे हैं.

महिला पत्रकार ने अपनी पीड़ा को शेयर करते हुए कहा कि यह बहुत दुख की बात है कि एक मुस्लिम महिला के रूप में आपको अपने नए साल की शुरुआत इस डर और घृणा के साथ करनी पड़ रही है. बेशक यह बिना कहे ही समझा जाना चाहिए कि sulli deals के इस नए संस्करण में सिर्फ मुझे ही निशाना नहीं बनाया गया है.”

दरअसल जब कोई Bulli Bai ऐप को खोलता है तो रैंडमली उसे मुस्लिम महिलाओं की तस्वीरें दिखती हैं. एक बार जब यूजर Bulli Bai खोलता है, तो यह आपको एक मुस्लिम महिला के चेहरे को दिखाता है, फिर यूजर इसे Bulli Bai of the day के रूप में प्रदर्शित करता है. फिर इस तस्वीर पर भद्दे कमेंट के साथ इसकी बोली लगाई जाती है. यही नहीं, इसे हैशटैग #BulliBai के साथ दिन भर ट्रेंड किया जाता है.

sulli डील की तरह Bulli Bai ऐप पर भी ट्विटर और फेसबुक पर दमदार मौजूदगी रखने वाली महिलाओं को टारगेट किया जा रहा है. Bulli Bai ऐप को किसने बनाया है ये जानकारी अबतक नहीं मिल पाई है. लेकिन उसका URL bullibai.github.io है जो अब डीएक्टिवेट हो गया है. GitHub ने इस एप पर अभी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.

महिला पत्रकार ने दिल्ली पुलिस की साइबर सेल शाखा में इसके शिकायत दर्ज कराई. महिला की शिकायत पर दिल्ली पुलिस ने इसका संज्ञान लिया है और अधिकारियों को कार्रवाई का निर्देश दिया गया है.

इस मामले में केंद्रीय आईटी मिनिस्टर अश्विनी वैष्णव ने सफाई देते हुए कहा है कि गिटहब ने उन्हें एक जनवरी की सुबह को ही बताया है कि इस यूजर को ब्लॉक कर दिया गया है. Computer Emergency Response Team और पुलिस इस बारे में आगे की कार्रवाई कर रहे हैं.

सवाल यह उठता है इस तरह के नफरती एप्प को प्रोमोट करने वाले GitHub पर कोई कार्रवाई क्यों नहीं होती, क्या app को सिर्फ ब्लॉक कर देना ही काफी है, ओपेनसोर्स प्लेटफॉर्म का क्या यह मतलब है कि किसी एक समुदाय के खिलाफ कोई कुछ भी डाल सकता है. अगर सुल्ली डील के समय ही सख्त कार्रवाई हुई होती तो बुल्ली बाई एप्प सामने नहीं आती.