टीम इंस्टेंटखबर
गुमनामी के अँधेरे में खोये लोकपाल आंदोलन वाले अन्ना हज़ारे एक फिर आंदोलन का सुर अलापा है, लेकिन आंदोलन का यह सुर देश में बढ़ती मंहगाई, घटते रोज़गार, बदहाल अर्थव्यवस्था के खिलाफ नहीं है. उनके आंदोलन का सुर कोरोना महामारी के कारण महाराष्ट्र में बंद पड़े मंदिरों को फिर से खुलवाने के लिए हैं और इसके उन्होंने बाक़ायदा महाराष्ट्र की उद्धव सरकार को आंदोलन की धमकी भी दे दी है.
2014 के बाद से लगभग ग़ायब अन्ना हजारे ने सरकार को 10 दिनों की मोहलत दी है.अगर अगले 10 दिनों में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली राज्य की महाविकास आघाडी सरकार इस बारे में फैसला नहीं लेती है तो अन्ना हजारे मंदिर शुरू करने के लिए आंदोलन शुरू करेंगे.
दरअसल अहमदनगर के ‘मंदिर बचाओ कृति समिति’ के सदस्यों ने रालेगणसिद्धि में मंदिर आंदोलन को लेकर अन्रा हजारे से मुलाकात की थी. इस मुलाकात के बाद अन्ना ने मंदिर बंद रखने के तर्क पर सवाल किया. उन्होंने कहा कि, ‘आखिर सरकार को मंदिर शुरू करने में आपत्ति क्या है? शराब की दुकानें शुरू रह सकती हैं तो फिर मंदिर क्यों नहीं ? अन्ना हजारे ने कहा है कि, ’10 दिनों बाद अगर मंदिर खोलने की इजाजत नहीं दी जाती तो मंदिर बचाओ कृति समिति बड़ा आंदोलन शुरु करेगी और मैं आंदोलन में साथ दूंगा.’
गौरतलब है कि कोरोना संक्रमण को नियंत्रित करने और कोरोना की तीसरी लहर के डर को देखते हुए सभी धार्मिक स्थलों को बंद रखने का फैसला किया है. यहां तक कि पर्व त्योहारों पर भी पाबंदी है. इस बार भी दही हंडी मनाने की छूट नहीं दी गई है. गणेशोत्सव को लेकर भी कड़े नियम जारी किए गए हैं.
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