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अफ़ग़ानिस्तान में समस्याओं की मूल जड़ अमेरिका है: अली ख़ामेनेई

टीम इंस्टेंटखबर
इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता आयतुल्ला सैयद अली ख़ामेनेई ने अमरीकियों को कूटनीति के पर्दे और लुभावनी मुस्कुराहट के पीछे छिपे हुए भेड़ियों की संज्ञा दी। ख़ामेनेई ने कहा कि कभी-कभी वे लोमड़ी की तरह मक्कार भी होते हैं जिसकी परिचायक, अफ़ग़ानिस्तान की वर्तमान स्थति है।

ख़ामेनेई ने अफ़ग़ानिस्तान को मित्र देश बताते हुए कहा कि धर्म, संस्कृति और भाषा की दृष्टि से वह ईरान से बहुत निकट है। उन्होंने अफ़ग़ानी जनता की समस्याओं विशेषकर गुरूवार को काबुल हवाई अडडे पर घटने वाली घटनाओं पर खेद व्यक्त करते हुए कहा कि इन सारी समस्याओं की मूल जड़ अमरीका ही है जिसने पिछले दो दशकों से अफ़ग़ानिस्तान का परिवेष्टन करके अफ़ग़ानी जनता पर नाना प्रकार के अत्याचार किये हैं। वरिष्ठ नेता ने कहा कि अफ़ग़ानिस्तास की प्रगति एवं विकास के लिए अमरीका ने एक क़दम भी आगे नहीं बढ़ाया है।

इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता ने ईरान की नई सरकार के सदस्यों को संबोधित करते हुए विदेश नीति में अधिक काम किये जाने पर बल दिया। आपने कहा कि कूटनीति में आर्थिक आयाम को मज़बूत किया जाए और जैसाकि बहुत से देशों में उस देश का राष्ट्रपति आर्थिक कूटनीति को आगे बढ़ाता है, हमारे देश की कूटनीति को भी इसी दृष्टि से मज़बूत किया जाए।

उन्होंने 15 पड़ोसी देशों के साथ ही कुछ को छोड़कर विश्व के अन्य देशों के साथ व्यापारिक संबन्धों में विस्तार को ज़रूरी बताया। वरिष्ठ नेता ने कहा कि कूटनीति को परमाणु मामले से जोड़ने या उससे प्रभावित होने न दिया जाए क्योंकि परमाणु मामले का मुद्दा उससे अलग है।

आयतुल्लाहिल उज़्मा सैयद अली ख़ामेनेई का कहना था कि परमाणु मामले में अमरीकियों ने वास्तव में बड़ी नीचता दिखाई। वे सबसे सामने परमाणु समझौते से निकल गए थे, अब इस तरह से बात कर रहे हैं कि मानो वे नहीं बल्कि इस्लामी गणतंत्र ईरान इस समझौते से ख़ुद निकला है। अमरीका के परमाणु समझौते से निकलने के काफी समय बात तक ईरान की ओर से कोई क़दम नहीं उठाया गया लेकिन कुछ समय के बाद कुछ कामों को न कि सबको रोका गया।

वरिष्ठ नेता का मानना है कि उल्लंघनों के बारे में अमरीका का साथ देने वाले देशों का हिस्सा, अमरीका से कम नहीं है। उन्होंने कहा कि उल्लंघनों के हिसाब से वे भी अमरीका की ही भांति हैं। वे एसी बाते कर रहे हैं जिससे लगता है कि मानों ईरान लंबे समय से वार्ता का मखौल उड़ाते हुए उसका उल्लंघन कर रहा है।

इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता आयतुल्लाहिल उज़्मा सैयद अली ख़ामेनेई ने कहा कि अमरीका की वर्तमान सरकार और वहां की पूर्व सरकार में कोई भी अंतर नहीं है क्योंकि परमाणु मामले में वह जो ईरान से मांग कर रही है वही है जिसकी मांग ट्रम्प कर रहा था, और उन दिनों सरकारी अधिकारी इसके तार्किक न होने की बात करते हुए इसके स्वीकार किये जाने को असंभव नहीं बता रहे थे।

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