तेहरान: राष्ट्रपति हसन रूहानी ने बुधवार को मंत्रिमंडल की बैठक में कहा कि अमरीका सरकार ने सन 2018 से ईरान के खिलाफ जो भी प्रस्ताव सुरक्षा परिषद में पेश किया उसे नाकामी मिली।

राष्ट्रपति हसन रूहानी ने कहा है कि ईरान पर अधिकतम दबाव की अमरीकी नीति की विफलता के बाद अब इस देश की नयी सरकार के लिए ईरानी राष्ट्र के प्रतिरोध के सामने सिर झुकाने के अलावा कोई रास्ता नहीं है।

राष्ट्रपति रूहानी ने कहा कि हालिया वर्षों में ईरानी सरकार ने ऐसी राजनीतिक शक्ति व स्थिति पैदा की है कि अमरीका को सुरक्षा परिषद में कभी एक और कभी दो से अधिक घटक नहीं मिल सके और युरोपीय संघ, रूस, चीन जैसी सभी शक्तियों ने ईरान के खिलाफ अमरीकी प्रस्तावों का विरोध किया।

ईरान के राष्ट्रपति ने कहा कि कानूनी लड़ाई में भी हेग के अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में अमरीका के खिलाफ ईरान के मुक़द्दमे की आरंभिक कार्यवाही में ईरान को सफलता मिली है और अब यह मुक़द्दमा कानूनी चरणों से गुज़र रहा है और उम्मीद है कि अंतिम चरण में भी ईरान को ही सफलता मिलेगी।

राष्ट्रपति रूहानी ने कहा कि वर्तमान परिस्थितियों की वजह से ईरान की रक्षा शक्ति किसी भी अन्य समय से अधिक मज़बूत की गयी और ईरान की वर्तमान रक्षा शक्ति की तुलना, आज से विशेषकर आठ बरस पहले की स्थिति से नहीं की जा सकती।