दिल्ली:
अमेरिका ने ड्रोन हमले में रविवार को अलकायदा के सरगना अयमान अल-जवाहिरी को मार गिराने का दावा किया है. ओसामा बिन लादेन की मौत के बाद जवाहिरी ने 2011 में अलकायदा की बागडोर संभाली थी. मिस्र में जन्मा जवाहिरी पेशे से आई-सर्जन था जो बाद में जिहादी बन गया. हमले के वक्त वह अफगानिस्तान के काबुल में घर की बालकनी में था. दावा किया जा रहा है कि अमेरिकी ड्रोन से दो मिसाइल दागे गए जिससे उसकी मौत हो गई.
जवाहिरी की मौत के बाद अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने सोमवार को कहा, “जो लोग अमेरिका को नुकसान पहुंचाना चाहते हैं, वे सुन लें. हम हमेशा सतर्क रहेंगे और कार्रवाई करते रहेंगे. पिछले साल अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी के बाद अमेरिका द्वारा यह पहला ड्रोन हमला था. जवाहिरी की मौत को आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में तालिबानियों के संकल्प की परीक्षा मानी जा रही है.
जवाहिरी अलकायदा के सबसे प्रभावशाली नेताओं में से एक था. कई विशेषज्ञों ने उसे आतंकी महत्वाकांक्षाओं को आकार देने के प्रभाव के संदर्भ में ओसामा बिन लादेन से ऊपर रखा था. हालांकि, 2011 में अमेरिकी नेवी सील्स ऑपरेशन में पाकिस्तान के एबटाबाद में ओसामा के मारे जाने पर अलकायदा की बागडोर संभालने के बाद जवाहिरी संगठन को उतनी मजबूती से दोबारा खड़ा नहीं कर पाया, क्योंकि उसके कई प्रमुख आतंकी अमेरिकी और नाटो सेना के ड्रोन हमलों में मारे गए थे.
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