वाशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी सरकार को एच-1बी वीजा सिस्टम में सुधार करने और योग्यता आधारित आव्रजन की दिशा में आगे बढ़ने का निर्देश दिया है। अमेरिका के इस कदम से भारत समेत दुनिया के आईटी प्रोफेशनल को बड़ा झटका लगा है। ये निलंबन साल के आखिर तक वैध रहेगा।

व्हाइट हाउस के अधिकारियों ने कहा कि ट्रंप ने इस साल के अंत तक एच-1 बी वीजा समेत अन्य कार्य वीजा को अस्थायी तौर पर सस्पेंड करने के लिए आदेश जारी किया।

इसके बाद व्हाइट हाउस ने बयान में कहा, “अमेरिका योग्यता आधारित आव्रजन प्रणाली की ओर बढ़ रहा है।” ट्रंप सरकार अधिक-कुशल श्रमिकों को प्राथमिकता देने और अमेरिकी नागरिकों की नौकरियों की सुरक्षा के लिए आव्रजन प्रणाली में सुधार करेगा।

व्हाइट हाउस ने कहा कि इन सुधारों के तहत, एक-1बी वीजा कार्यक्रम में उन लोगों को प्राथमिकता दी जाएगी, जिन्हें काफी ज्यादा वेतन की पेशकश की जा रही है। इसके अलावा, ट्रंप सरकार सभी खामियों को भी दूर करेगी। जिसका फायदा उठाकर कंपनियां अमेरिकी कामगारों की जगह सस्ते विदेश कर्मचारी रखते हैं।

क्या है एच-1बी वीजा

एच-1बी वीजा एक गैर प्रवासी वीजा है, जो अमेरिकी कंपनियों को विदेशी पेशेवरों को कुछ खास व्यवसायों में नियोजित करने की अनुमति देता है। भारतीय आईटी पेशेवरों के बीच इसकी काफी अधिक मांग है। अमेरिका में हर साल 85,000 एच-1 बी जारी करने की सीमा है। अधिकारी ने बताया कि पिछले साल इस वीजा के लिए 2,25,000 आवेदन प्राप्त हुए थे।