वाशिंगटन: अमेरिका ने इराक से सटी सीमा पर ईरान समर्थित मिलिशिया पर हवाई हमला बोल दिया है. पेंटागन के मुताबिक यह हवाई हमले इस महीने की शुरूआत में हुए रॉकेट हमले का बदला है. पेंटागन के प्रवक्‍ता जॉन किर्बी का कहना है कि हवाई हमले “राष्ट्रपति बाइडेन के आदेश पर किए गए”. इस हमले में 17 ईरानी समर्थित आतंकवादी मारे जाने की बात कहहि गयी है

17 ईरानी समर्थित आतंकवादी मारे गए
अमेरिका ने अभी तक हवाई हमले में मौतों पर टिप्पणी नहीं की है, लेकिन सीरियन ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स ने दावा किया है कि इस हमले में 17 ईरानी समर्थित आतंकवादी मारे गए. किर्बी ने अपने बयान में कहा, “राष्ट्रपति जो बाइडेन के आदेश पर अमेरिकी सेना ने पूर्वी सीरिया में ईरानी समर्थित लड़ाकों द्वारा इस्तेमाल किए गए बुनियादी ढांचे पर हवाई हमले किए.” किर्बी ने बताया कि यह हमले अमेरिका और सहयोगी देशों के लोगों पर इराक में हाल ही में किए गए हमलों के बदले के रूप में किए गए. उन्होंने कहा कि हमलों में ईरानी समर्थित सशस्त्र समूहों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले सीमा नियंत्रण बिंदु को निशाना बनाया गया, जिसपर हिजबुल्लाह और सैय्यद अल-शुहादा का नियंत्रण है.

हमलों के पीछे ईरानी समर्थित आतंकवादी समूहों का हाथ
हाल के दिनों में इराक में अमेरिका और सहयोगी देशों के ठिकानों पर तीन रॉकेट हमले हुए. इरबिल में एक सैन्य परिसर को भी निशाना बनाया गया था, जिसमें गठबंधन बलों के साथ काम करने वाले एक नागरिक और एक विदेशी ठेकेदार की मौत हो गई थी. इराक में हमलों के पीछे ईरानी समर्थित आतंकवादी समूहों का हाथ बताया जाता है. इन हमलों ने बाइडेन प्रशासन के लिए नई चुनौती पेश किए, अमेरिका परमाणु कार्यक्रम पर तेहरान के साथ वार्ता फिर से शुरू करना चाहता है. बाइडेन प्रशासन का कहना है कि वह 2015 के परमाणु समझौते को बहाल करना चाहता है, जिससे पूर्व राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने अमेरिका को बाहर कर लिया था. बाइडेन प्रशासन भी तेहरान को मध्य पूर्व की सुरक्षा के लिए एक सतत खतरे के रूप में देखता है.