लखनऊ: समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी सरकार की गलत नीतियों के चलते उत्तर प्रदेश के किसान और नौजवान मायूस है। उनकी दीवाली काली हो गई है। इतने बुरे हालात इनके कभी नहीं रहे।

भाजपा सरकार के तमाम दावे गीले पटाखो की तरह
सपा नेता ने शुक्रवार को कहा कि सरकार की गलत नीतियों के चलते किसान और नौजवान मायूस है। सरकार के तमाम दावे गीले पटाखो की तरह फुस्स हो गए हैं। गरीब की कहीं सुनवाई नहीं है। अब जनता को वर्ष 2022 में होने वाले विधानसभा चुनावों का ही बेसब्री से इंतजार है जब वह अपनी तकलीफों का एक-एक कर हिसाब लेंगे।

बिचैलियों-आढ़तियों की भेंट चढ़ गया किसानों का दाम
उन्होंने कहा कि किसान का धान न्यूनतम समर्थन मूल्य पर बिकने के बजाय बिचैलियों-आढ़तियों की भेंट चढ़ गया। करीब 20 लाख गन्ना किसानों का मेरठ, सहारनपुर और मुरादाबाद मण्डल की चीनी मिलों पर पिछले पेराई सत्र के 3,343 करोड़ रूपए बकाया है। प्रदेश में लगभग 10 हजार करोड़ रूपये गन्ना किसानों का बकाया है।

बिचौलिए भर रहे हैं जेब
सपा अध्यक्ष ने कहा कि पराली के नाम पर किसानों को जेल में डालने वाली सरकार धान की कीमत देने में विफल। बिचौलिए किसान का हक मारकर अपनी जेबें भर रहे है। भाजपा सरकार के नए कृषि अधिनियम से किसानों को हो रहे नुकसान का अब खुलासा हो रहा है।

नौजवानों का भविष्य भी अंधकार में
उन्होंने कहा कि नौजवानों का भविष्य भी अंधकार में है। प्रदेश में भाजपा राज के अंत के गिनेचुने महीने रह गए हैं। अब तक न तो कहीं निवेश आया और नहीं उद्योगों के लगने से रोजगार बढ़े। लाॅकडाउन के दौरान बचे खुचे उद्योग भी बंद हो गए। कल कारखानों में छंटनी हो गईं। भाजपा सरकार बहकाने के लिए नई नौकरियां देने के दावे चाहे जितने करे हकीकत यह है कि नौकरियां मिलनी तो दूर उनके जाने का खतरा ज्यादा बड़ा है।

57 फीसदी लोगों की नौकरियां जाने की सम्भावना
सपा नेता ने कहा कि वर्ल्ड इकोनामी फोरम के ताजा सर्वे के अनुसार देश में अगले 12 महीनों में 57 फीसदी लोगों की नौकरियां जाने की सम्भावना है। देश के इतिहास में पहली बार भयंकर मंदी आने का अंदेशा है। भाजपा सरकार के खोखले वादों की इस रिपोर्ट में खुलासा होता है।