टीम इंस्टेंटखबर
तालिबान के पंजशीर हमले के कमांडर कारी फसीहुद्दीन और स्थानीय मिलिशिया नेता अहमद मसूद के बीच बातचीत की ख़बरें हैं, कारी फसीहुद्दीन एक ताजिक और एक प्रसिद्ध तालिबान सरदार भी हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक, अहमद मसूद गरिमापूर्ण सरेंडर करना चाहते हैं.

दूसरी ओर पंजशेर मोर्चे के प्रवक्ता फ़हीम दश्ती ने इस बारे में कहा कि तालेबान ने पहाड़ी इलाक़े में कई धमाके करके दश्त रीवत इलाक़े का घेराव कर लिया है और उन्होंने भारी संख्या में हल्के और भारी हथियार जमा कर रखे हैं।

उनका कहना था कि इलाक़े में भीषण झड़पें हो रही हैं जबकि ख़ावाक सीमा की सप्लाई लाइन कट गयी है जिसकी वजह से तालेबान के हज़ारों लड़ाके परीयान ज़िले में घिर गये हैं।

पंजशेर मोर्चे के प्रवक्ता फ़हीम दश्ती ने शतल ज़िले पर तालेबान के क़ब्ज़े के दावे के बारे में कुछ नहीं कहा।

इसी मध्य अफ़ग़ानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति और प्रतिरोध मोर्चे के अहम कमान्डर अमरुल्लाह सालेह ने तूलूअ न्यूज़ को बताया कि वह पंजशेर में हैं और अभी भी तालेबान और स्थानीय लड़ाकों के बीच भीषण झड़पें हो रही हैं।

पंजशेर वैली में तालेबान के ख़िलाफ़ विद्रोह की आवाज बुलंद करने वाले अहमद मसूद ने शनिवार को कहा कि तालेबान के ख़िलाफ़ विरोध नहीं रुकेगा। अहमद मसूद ने कहा कि वो भगवान, न्याय और आज़ादी के लिए कभी भी अपना विरोध नही रोकेंगे। उन्होंने कहा कि पंजशेर का विरोध और अफगानिस्तान में महिलाओं द्वारा अधिकारों को लेकर हो रहा प्रदर्शन इस बात की ओर इशारा करता है कि अफ़ग़ानी कभी भी अपने अधिकारों की रक्षा के लिए हार नहीं मानेंगे।