वाशिंगटन: अमेरिका में रहकर ऑनलाइन एजुकेशन (online education) हासिल कर रहे विदेशी छात्रों का वीजा रद्द करने के फैसले को आखिरकार कोर्ट की दखल के बाद ट्रंप प्रशासन (trump administration) को वापस लेना पड़ा है। ट्रंप सरकार ने फैसला किया था कि जिन विदेशी छात्रों ने कोरोना के दौरान ऑनलाइन क्लासेज का विकल्प चुना है उनका वीजा वापस ले लिया जाएगा। यह जानकारी मंगलवार को यूएस इमीग्रेशन (US emigration) और कस्टम विभाग की तरफ से कोर्ट में दी गई। ट्रम्प प्रशासन के इस नए फैसले से बड़ी संख्या में छात्रों को राहत मिली है।

कानून का सहारा
यूनिवर्सिटी ऑफ हार्वर्ड (Harward) और दूसरे कई संस्थानों ने सरकार के खिलाफ कानून का सहारा लिया और उन्होंने यूएस इमिग्रेशन ऐंड कस्टम्स एनफोर्स (ICE) के 6 जुलाई को लिए गए फैसले का विरोध किया। जज ऐलिसन बरॉ ने सुनवाई के दौरान कहा, ‘सरकार अपना फैसला वापस लेने को तैयार हो गई है। कोई नया नियम लागू नहीं किया जा रहा है।’

हार्वर्ड, एमआईटी पहुंची थी कोर्ट
हार्वर्ड और एमआईटी (MIT) ने कोर्ट में याचिका दी थी कि आईसीई द्वारा दिए गए आदेश को निरस्त किया जाए। इसमें कहा गया था कि जो स्टूडेंट ऑनलाइ क्लास ले रहे हैं उन्हें वापस अपने देश जाना होगा। डोनाल्ड ट्रंप ने भी कई संस्थानों के खिलाफ कदम उठाए थे जो कि फिर से कामकाज शुरू करना चाहते थे।

वित्तीय नुकसान का मुद्दा
विश्वविद्यालयों ने कहा था कि अगर इस तरह का कदम उठाया जाता है तो न केवल व्यक्तिगत रूप से लोगों को नुकसान होगा बल्कि वित्तीय नुकसान भी उठाना पड़ेगा। 2018-19 अकैडमिक इयर (academic year) में अमेरिका में लगभग 10 लाख विदेशी स्टूडेंट थे।

भारतीय छात्रों पर पड़ता बुरा प्रभाव
स्टूडेंट एंड एक्सचेंज विजिटर प्रोग्राम (SEVP) के मुताबिक, इस साल जनवरी में 1,94,556 भारतीय छात्र अमेरिका के विभिन्न शिक्षण संस्थानों में एनरोल थे। इसमें 1,26,132 मेल और 68,405 फीमेल स्टूडेंट हैं। नई वीजा नीति के लागू होने पर भारतीय छात्र भी प्रभावित होंगे।

6 जुलाई को जारी की थी नई वीजा नीति
ट्रंप प्रशासन ने 6 जुलाई को नई वीजा नीति (visa policy) जारी की थी। इसमें विदेशी छात्रों के लिए कक्षा में जाकर पढ़ाई को अनिवार्य किया गया था। नई वीजा नीति में कहा गया था कि जो छात्र कक्षाओं में जाकर पढ़ाई नहीं करेंगे, उनका वीजा सस्पेंड कर दिया जाएगा। नई वीजा नीति में कहा गया था कि जो विदेशी छात्र घर बैठकर ऑनलाइन पढ़ाई करेंगे, उन्हें अमेरिका छोड़ना होगा।