नयी दिल्ली: अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने चेतावनी देते हुए कहा है कि कोरोनावायरस के कारण वैश्विक अर्थव्यवस्था में और गिरावट आएगी। आईएमएफ प्रमुख क्रिस्टालिना जॉर्जीवा ने वैश्विक इकोनॉमी पूर्वानुमानों में गिरावट का संकेत दिया है। साथ ही उन्होंने अमेरिका और चीन को एक नए ट्रेड वॉर से बचने के लिए कहा है जो कोरोनोवायरस महामारी से रिकवरी को कमजोर कर सकता है। जॉर्जीवा के अनुसार हाल ही में सामने आया कई देशों का आर्थिक डेटा आईएमएफ के अनुमानों से कमजोर रहा है। आईएमएफ ने 2020 में पहले ही 3 फीसदी गिरावट का अनुमान लगाया है। तत्काल मेडिकल सॉल्यूशन न होने के चलते भी कुछ देशों की अर्थव्यवस्थाओं के लिए और अधिक बुरे नतीजे सामने आ सकते हैं। जॉर्जीवा ने माना कि इस वायरस के व्यवहार में कुछ नहीं कहा जा सकता और यही ग्लोबल इकोनॉमी को लेकर अनुमानों में किए जा रहे बदलाव की वजह है।

आईएमएफ ने पिछले महीने ग्लोबल इकोनॉमी में 3 फीसदी गिरावट का अनुमान जारी किया था, जिससे वैश्विक अर्थव्यवस्था 1930 की महामंदी के बाद सबसे बड़ी मंदी की तरफ पहुंच जाएगी। आईएमएफ का अनुमान है कि 2021 में आंशिक रूप से ग्लोबल इकोनॉमी में वापसी होगी। लेकिन इसने साथ ही चेतावनी भी दी कि नतीजे बहुत खराब भी हो सकते हैं, जो कोरोना संकट पर निर्भर करेंगे।

दुनिया में सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था अमेरिका की है, जिसे वायरस को फैलने से रोकने के लिए किए गए शटडाउन से काफी तगड़ा झटका लगा है। अमेरिका के सरकारी आंकड़ों के मुताबिक वहां बेरोजगारी की दर पिछले महीने 14.7% दर्ज की गई। व्हाइट हाउस ने कहा कि बेरोजगारी मई में 20% तक पहुंच सकती है। इस पर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने चीन पर नए टैरिफ लगाने की धमकी दी है और कहा कि यूएस-चीन व्यापार सौदे का फेज-1 खत्म कर सकते हैं। अमेरिका और चीन के बीच तनाव बढ़ने से वैश्विक अर्थव्यवस्था पर बढ़े खतरे पर जॉर्जीवा ने चिंता जताई। उनके मुताबिक संरक्षणवाद (Protectionism) के कारण इस मौजूदा संकट से वापसी करने में दिक्कत आएगी।