कोरोना वायरस लॉकडाउन ने एक महीने में ही बॉलीवुड की नींव हिला कर रख दी है। लॉकडाउन के चलते फिल्म की शूटिंग और रिलीज दोनों पर ही बैन लगा हुआ है। मायानगरी मुंबई में इन दिनों न तो सितारों की चहल पहल दिखाई देती है और न ही फैंस की भीड़ नजर आती है। इसी बीच सवाल उठने लगे हैं कि कोरोना वायरस लॉकडाउन के बाद बॉलीवुड इंडस्ट्री में कितना बदलाव आने वाला है ? बाकी इंडस्ट्री के साथ ही साथ बॉलीवुड भी मंदी की चपेट में आ चुका है। ट्रेड एक्टपर्ट्स की माने तो बॉलीवुड को नॉर्मल होने में कम से कम दो साल का समय लग जाएगा। ऐसे में फिल्म के बजट का संतुलन बनाए रखने के लिए बॉलीवुड सितारों को अपनी फीस में कटौती करनी पड़ेगी।

ट्रेड एक्सपर्ट तरण आदर्श के मुताबिक़ , ‘जल्द ही इंडस्ट्री में फीस की कटौती होनी शुरू हो जाएगी। फिल्म बनाने में एक टीम की जरुरत होती है। इस टीम को सैलेरी देने के लिए बॉलीवुड एक्टर्स की फीस कम करनी पड़ जाएगी। फिल्म के बजट का एक बड़ा हिस्सा केवल एक्टर्स ही ले जाते हैं। मुझे लगता है अब समय आ गया है कि इस मुद्दे पर सोच विचार शुरु हो गया है।’

वहीं सीनियर ट्रेड एक्सपर्ट कोमल नाहटा की भी कुछ ऐसी ही राय है। इस विषय पर बात करते हुए कोमल नाहटा ने कहा है कि,’ हमारे पास फीस कटौती के अलावा और कोई भी ऑप्शन नहीं है। फिल्मों के बिजनेस में मंदी का दौर चल रहा है। एक्टर्स को हर हालत में अपनी फीस कम करनी ही पड़ेगी।’

इसके अलावा ट्रेड एक्सपर्ट अक्षय राठी ने इस मुद्दे पर चिंता जाहिर करते हुए कहा, ‘अगर आप एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री को बचाना चाहते हैं तो आपको कड़े कदम उठाने ही होंगे। कोरोना वायरस लॉकडाउन की वजह से फिल्म मेकर्स का बहुत सारा रुपया फंसा पड़ा है। आने वाले समय में बॉलीवुड के काम काज करने के तरीके में बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे। अगले कुछ साल तक हमें ऐसे ही काम करना पड़ेगा। अगर एक्टर्स की फीस में कटौती नहीं की गई तो फिल्म की कमाई से प्रॉफिट मिलना मुश्किल हो जाएगा।’

गौरतलब है कि वरुण धवन और रणवीर सिंह जैसे सितारे एक फिल्म में काम करने के लिए 25 से 35 करोड़ रुपए तक की फीस लेते हैं तो वहीं आलिया भट्ट, दीपिका पादुकोण और श्रद्धा कपूर जैसी हसीनाए 5 से 12 करोड़ तक की मोटी रकम वसूल करती हैं।