टीम इंस्टेंटखबर
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने स्वीकार किया है कि पिछले साल सीमा पर संघर्षो के बाद चीन के साथ रिश्ते पहले जैसे नहीं रहे हैं और संबंधों को पहले की तरह बेहतर बनाना एक चैलेन्ज है.
विदेशमंत्री ने कहा कि पिछले साल जून में बहुत बड़ा संघर्ष हुआ. इस संघर्ष में बहुत से लोगों की जान चली गई. इस खूनी संघर्ष ने दोनों देशों के रिश्तों को पूरी तरह से बदल कर रख दिया. भारत की सबसे बड़ी चुनौती है कि चीन के साथ हमारे संबंधों को कैसे मैनेज किया जाए. इसकी चुनौती सबसे ज्यादा है.
इससे पहले एक कार्यक्रम में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि हमने अंतरराष्ट्रीय संबंधों के नए चरण में प्रवेश किया है. ऐसे में चीन के फिर से उभरने का पूरा प्रभाव सभी प्रमुख शक्तियों की तुलना में ज्यादा महसूस किया जाएगा. जयशंकर ने कहा कि जहां अमेरिका एक मजबूत शक्ति के रूप में स्पष्ट रूप से संघर्ष कर रहा है. वह प्रभाव को मजबूत करने की शक्तियों से जुड़ा हुआ है. प्रतिस्पर्धा के समकालीन रूपों में कई कमजोरियां और संरचनात्मक बाधाएं भी हैं.
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