फहीम सिद्दीकी

फ़तेहपुर बाराबंकी।
कस्बे में मोहर्रम की 8 तारीख को निकलने वाला ऐतिहासिक अलम का जुलूस पूरी शान ओ शौकत से पारंपरिक तरीके से निकाला गया। अलम का जुलूस बड़ी चौक से उठ कर अपने परंपरागत रास्ते से होता हुआ बड़ा इमामबाड़ा महल पहुंचा। जुलूस में काफी तादाद में लोग शामिल हुए। जुलूस में अजादर नौहाखानी और सीनाजनी करते हुए महल पहुंचे।रास्ते भर हज़रत इमाम हुसैन के नाम से सबील और लंगर लगाए गए।

जुलूस से पहले बड़ा इमामबाड़ा महल में सुबह कदीमी मजलिस हुई,मजलिस को हसन तकी काजमी ने खिताब फरमाया। हसन तकी साहब ने अपने पर नाना मुजाहिर मिया के अंदाज़ में मर्सिया पढ़ अज़ादारों को रोने पर मजबूर कर दिया।