नई दिल्ली: हर्षद मेहता के घोटाले के चलते देश का शेयर बाजार बुरी तरह से हिल गया था और लाखों लोगों के पैसे भी डूब गए. अब हर्षद मेहता के जीवन और उनके द्वारा किए गए वित्तीय अपराधों पर बनी फिल्म The Big Bull में 1990 और 2000 के बीच हुईं शेयर बाजार की वास्तविक घटनाएं दिखाई जाएंगी.

शेयर ब्रोकर हर्षद मेहता को ‘बिग बुल’ कहा जाता था क्‍योंकि उसने स्‍टॉक मार्केट में बुल रन शुरू किया था. हर्षद मेहता ने 1980-90 के दशक में स्टॉक मार्केट की दिशा ही बदल डाली थी. लेकिन बाद में हर्षद मेहता ने करीब 4000 करोड़ का घोटाला किया और इसकी वजह से तमाम शेयर होल्डर्स के सपने टूट गए. इस घोटाले के लिए बाद में उन्हें गिरफ्तार किया गया था. सुप्रीम कोर्ट ने उसे दोषी पाते हुए 5 साल की सजा और 25000 रुपये का जुर्माना किया था. मेहता थाणे जेल में बंद था. वहीं, 31 दिसंबर 2001 को 47 की उम्र में मौत हो गई थी.

इसी कहानी पर द बिग बुल नाम से फिल्म बनकर तैयार है. इसमें अभिषेक बच्चन और इलियाना डीक्रूज ने मुख्य भमिका निभाई है. इसके अलावा राम कपूर, निकिता दत्ता और लेखा प्रजापति भी फिल्म में हैं. यह फिल्म अजय देवगन फिल्म्स के बैनर तले बनी है. अजय देवगन ने फिल्म में मुख्य प्रोड्यूसर भी हैं. इस फिल्म को बनने और इसके प्रचार आदि में कुल 85 करोड़ रुपये की लागत का अनुमान लगाया गया है. इसे अमेजन प्राइम वीडियो पर दिखाया जाएगा.

हर्षद मेहता का जन्म गुजरात के राजकोट में एक छोटे से बिजनेसमैन फैमिली में पैदा हुआ था. हर्षद मेहता ने मुंबई के होली क्रॉस बेरोन बाजार सेकेंडरी स्कूल से पढ़ाई की. उसने लाजपत राय कॉलेज से बी.कॉम की पढ़ाई की. हर्षद ने पहली नौकरी न्यू इंडिया अश्योरेंस कंपनी लिमिटेड में बतौर सेल्स पर्सन की और वहीं दौर था, जब उसकी रूचि शेयर बाजार में हुई. हर्षद मेहता ने स्टॉक मार्केट के हर पैंतरे सीखे और 1984 में खुद की ग्रो मोर रीसर्स एंड असेट मैनेजमेंट नाम की कंपनी शुरू की. उसने बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज में बतौर ब्रोकर मेंबरशिप ली.

हर्षद मेहता के एसीसी यानी एसोसिएटेड सीमेंट कंपनी में पैसा लगाने के बाद एसीसी के भाग्य ही बदल गए. एसीसी का जो शेयर 200 रुपये का था उसकी कीमत कुछ ही समय में 9000 रुपये हो गई. 1990 तक हर्षद मेहता का नाम हर निवेशक की जुबान पर आ गया. हर्षद मेहता के महंगे घर और महंगी गाड़ियों के शौक ने उन्हें सुर्खियों में ला दिया. लेकिन सवाल उठा कि आखिर हर्षद मेहता इतना पैसा कहां से ला रहा है?

1992 में हर्षद मेहता के घोटाले का पर्दाफाश हुआ. पता चला कि हर्षद मेहता बैंक से एक 15 दिन का लोन लेता था और उसे स्टॉक मार्केट में लगा देता था. साथ ही 15 दिन के भीतर वो बैंक को मुनाफे के साथ पैसा लौटा देता था. हर्षद मेहता एक बैंक से फेक बीआर बनवाता जिसके बाद उसे दूसरे बैंक से भी आराम से पैसा मिल जाता था.