नई दिल्ली: कांग्रेस ने दूसरे राज्यों में फंसे मजदूरों को घर भेजने के लिए रेल किराए का खर्च उठाने की घोषणा की तो भारतीय जनता पार्टी घिरती नजर आ रही है। रेल किराए को लेकर भाजपा ने सफाई देकर मामले को संभालना का प्रयास किया है। दरअसल, करीब डेढ़ महीने से परेशान प्रवासी मजदूरों को उनके घर पहुंचाने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अनुमति देने के साथ ही गाइडलाइन जारी की लेकिन किराए को लेकर सरकार का अलग ही रुख सामने आया है।
भाजपा के प्रवक्ता संबित पात्रा ने दावा किया है कि रेलवे श्रमिक एक्सप्रेस के 85 फीसदी रियायत वाले टिकट राज्यों को दे रही है। राज्यों को मात्र 15 फीसदी किराया अदा करना है। पात्रा ने ट्वीट करके कहा कि संबंधित राज्य भी टिकट का यह किराया अदा कर सकते हैं। मध्य प्रदेश सरकार ऐसी ही कर रही है। उन्होंने राहुल गांधी से कहा है कि कांग्रेस शासित राज्यों को भी यही करना चाहिए।
लेकिन रेलवे बोर्ड और केंद्रीय गृह मंत्रालय के सर्कुलर टिकट चार्ज के बारे में अलग ही बात करते हैं। रेलवे बोर्ड ने अपने सर्कुलर में कहीं भी 85 फीसदी रियायत का उल्लेख नहीं किया है। उसने कहा है कि राज्य सरकार के अधिकारियों को टिकटें दी जाएंगी। वे यात्रियों से किराया वसूलेंगे और पूरी रकम रेलवे को जमा करवाएंगे। गृह मंत्रालय ने भी एक मई के अपने सर्कुलर में रियायत का कोई उल्लेख नहीं किया है, बल्कि उसने टिकट की बिक्री की बात कही है। उसका कहना है कि टिकट बिक्री के बारे में गाइडलाइन रेल मंत्रालय जारी करेगा।
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