नई दिल्ली: कोरोना लॉकडाउन के बीच प्रवासी मजदूरों के लिए चलाई गई श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में 9 मई से 27 मई के बीच करीब 80 लोगों की मौत हुई है। ये संख्या रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) की ओर से आए आंकड़ों के अध्ययन के बाद सामने आई है। एक मीडिया रिपोर्ट में इस संबंध में दावा किया गया है।

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि उसने सभी आंकड़ों का अध्ययन किया और इससे इन मौतों के बारे में पता चलता है। रेलवे की ओर से ये श्रमिक ट्रेन 1 मई को शुरू किये गए थे और 27 मई तक 3,840 ट्रेने चलाई गई हैं। इसके जरिए करीब 50 लाख श्रमिकों को उनके घर पहुंचाया गया है।

इसी हफ्ते बुधवार को पिछले कुछ दिनों की यात्रा के दौरान नौ लोगों की मौत की खबर सामने आई थी। हालांकि, रेल मंत्रालय ने तत्काल साफ किया कि ज्यादातर उन लोगों की मौत हुई जो किसी बीमारी से ग्रस्त थे। रेलवे की ओर से दावे उन मीडिया रिपोर्ट्स के बाद किये गये जिसमें कहा गया था कि कई यात्रियों की मौत गर्मी, भूख और अत्यधिक थकावट से हुई।

हालांकि, ये पहली बार है जब मौतों को लेकर कुछ और विस्तृत जानकारी सामने आई है। आरपीएफ के एक अधिकारी ने संख्या की पुष्टि की है और कहा है कि एक शुरुआती लिस्ट तैयार कर ली गई है। हालांकि, फाइनल लिस्ट राज्यों से बात करने के बाद तैयार की जा सकेगी।

रेल मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने 80 लोगों की मौत के बारे में पूछे जाने पर कहा- ‘रेलवे चेयरमैन बोर्ड ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में सवालों का जवाब दिया है।’

बता दें कि शुक्रवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में रेलवे बोर्ड के चेयरमैन वीके यादव ने कहा था, ‘किसी की भी मौत एक बड़ा नुकसान है।