सैटेलाइट सर्वेक्षण के बाद जोशीमठ से 600 से ज़्यादा परिवारों के चार हज़ार लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट करवाया गया है. मकानों में बढ़ती दरारों को देखते हुए पर्याप्त सुरक्षा उपाय अपनाए जा रहे हैं. प्रथम चरण में कुल 678 भवन और 2 होटल चिन्हित किए गए हैं.

चमोली जिले के डीएम हिमांशु खुराना ने बताया कि हालात की गंभीरता को देखते हुए इस धार्मिक शहर की सभी खतरनाक इमारतों पर लाल रंग से ‘X’का चिन्‍ह अंकित किया जा रहा है. जिला प्रशासन की ओर से इन इमारतों को रहने के लिहाज से असुरक्षित घोषित किए जाने के बाद इसके निवासियों को सुरक्षित स्‍थान पर शिफ्ट किया जा रहा है. चमोली के डिस्ट्रिक्‍ट मजिस्‍ट्रेट हिमांशु खुराना ने सोमवार को न्‍यूज एजेंसी ANI से कहा, “आपदा प्रबंधन अधिनियम (Disaster Management Act) के तहत, हमने उन असुरक्षित क्षेत्रों को चिह्नित किया है जो रहने के लिहाज से अनुपयुक्त हैं. इन क्षेत्रों में सिंधी गांधीनगर और मनोहर बाग शामिल हैं.”

बताते चलें कि लगातार जमीन घंसने की घटनाओं के मद्देनजर जोशीमठ को ‘sinking zone (धंसता क्षेत्र)’ घोषित किया गया है, यहां के कई घरों और सड़कों में पिछले कुछ दिनों में दरारें आई हैं जिसके चलते क्षेत्र के निवासियों में डर व्‍याप्‍त है. 6150 फीट (1875 मीटर) की ऊंचाई पर स्थित जोशीमठ, कई हिमालयी पर्वतारोहण अभियानों, ट्रेकिंग अभियानों और केदारनाथ व बद्रीनाथ जैसे लोकप्रिय तीर्थस्थलों का प्रवेशद्वार है.