नई दिल्ली: कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति पर मिलने वाली राशि का हिसाब किताब रखने वाली संस्था EPFO एक मई को ‘एक कर्मचारी, एक पीएफ खाता’ की योजना लांच करने जा रही है। इसका उद्देश्य कर्मचारियों को रिटायरमेंट से पहले पैसा न निकालने के लिए प्रेरित करना है। इसके अलावा इस योजना से मिलने वाली पेंशन स्कीम से राज्य सरकारों को भी जोड़ने की तैयारी है।

21 अप्रैल को ही ईपीएफओ की आंतरिक मीटिंग में ये निर्णय ले लिया गया था। उसी दिन सरकार ने सेवानिवृत्ति से पूर्व पीएफ निकासी पर रोक के अपने फैसले को भी वापस ले लिया था। मीटिंग में ईपीएफओ के कमिश्नर वीपी ज्वाय ने पीएफ निकासी के नियमों पर चर्चा की थी। उन्होंने जोर दिया था कि कर्मचारी और कंपनी के साथ बेहतर बातचीत होनी चाहिए कि जॉब परिवर्तन पर बार बार पीएफ न निकाला जाए।

उन्होंने ये भी कहा कि कर्मचारी और कंपनी दोनों ही पीएफ खाते की पूरी जानकारी को किसी भी वक्त देख सकें ऐसी व्यवस्था होनी चाहिए। सेवाओं में तरक्की और बेहतर पेंशन योजनाओं के शुरू होने से ही हम पेंशन की अच्छी सेवाएं दे सकेंगे। अगर ईपीएफओ की सेवाएं और योजनाएं कर्मचारियों के हित में होंगी तो राज्य सरकारों को भी ईपीएफ पेंशन सिस्टम से जोड़ा जा सकेगा।