जाति, नस्ल और क्षेत्र के नाम पर बटंवारा हमें मंजूर नही: आॅल इंडिया इमामस् कांसिल

नई दिल्ली: देशभर में फासीवादी संगठनों के द्वारा पैदा किये जा रहे मसलकी, मजहबी, नस्ली, और इलाकाई बटवारें के खिलाफ आॅल इंडिया इमाम कौंसिल 14 मार्च से 24 अप्रैल तक 40 दिन का एकता अभियान (मुस्लिम बटवारा हमें मन्जूर नहीं) देश भर में चला रहा है। जिसमें उलेमा गेट टू गेदर, वींिडयो शो, नुक्कड़ प्रोग्राम, हाॅल सेमिनार, रैली और पब्लिक प्रोग्रामों के साथ साथ बड़ी-बड़ी कांफ्रेसें की जा रही हैं। हिन्दुस्तान एक लोकतांत्रिक देश है, यहां सभी को बराबर का अधिकार हासिल है। आरएसएस की पाॅलिसी इस देश के हक में नहीं है। बीजेपी सरकार पूरी तरह फासीवादी एजेंडे पर काम कर रही है। देश को तोड़ने और यहां के लोगों में बटवारा पैदा करके गुलाम बनाने और देश को हिन्दु राष्ट्र बनाने की नापाक साजिश चल रही है। खास तौर पर मुसलमानों में बटवारा पैदा करने के लिए मुस्लिम राष्ट्रीय मंच, मुस्लिम राष्ट्रीय महिला मंच और दूसरे इस्लामी नाम के संगठन बनाकर काम कर रहें है। यहां के दस्तूर के खिलाफ आरएसएस की साजिशों को हर घर और घर के हर एक सदस्य तक पहुंचाना हमारे इस अभियान का बुनियादी मकसद है। इस अभियान का आखिरी प्रोग्राम ‘‘एकता कांफ्रेंस’’ 24 अप्रैल 2016 को शास्त्री पार्क, दिल्ली में हो रहा हैं जिसमें सभी सेक्युलर लोग, उलेमा शामिल हो रहे है। 

मीडिया से बात करते हुए आॅल इंडिया इमाम कौंसिल के राष्ट्रीय सचिव ने कहा कि किसी भी देश के प्रधानमंत्री की मिसाल एक बाप की तरह होती है, इसके लिए जरूरी है कि सभी लोगों को एक नजर से देखें, लेकिन मोदी सरकार का सूफी और वहाबी में बटवारा संविधान और कानून के खिलाफ है। इसके लिए प्रधानमंत्री को देश के सभी मुसलमानों से माफी मांगनी होगी।

 ’’जाती, नस्ल, धार्मिक और इलाके के नाम पर लडाओ और राज करो आरएसएस और हिन्दुत्वादी फासीवादियों को अंग्रेजों से विरासत में मिला है, मगर इन अंग्रेजों के गुलामों और इस्राइली एजेंटों को जान लेना चाहिये कि ज्यादा दिन तक उनके ये ’’अच्छे दिन’’ बाकी नही रहेगें। हमें किसी भी कीमत पर कौम और मुसलमानों का बटवारा मंजूर नही है।’’ उन्होने कहा कि आॅल इंडिया इमामस् कासिल ’’इत्तिहाद-ए-उम्मत कांफ्रेंस’’ के द्वारा पूरे देश को बताना चाहती है कि कोई हिन्दु, सिक्ख, ईसाइ, दलित, आदिवासी नहीं, हमारा दुश्मन वह है जो देश के संविधान का दुश्मन है। जो हमें आपस में लड़ाना चाहता है, जो हिन्दुस्तान पर इस्राइली नजरिया थोपने की कोशिश कर रहा है।

दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष मुफ्ती इरशाद कासमी ने कहा कि ‘‘आरएसएस का मुस्लिम राष्ट्रीय मंच या दूसरे इस्लामी नामों के संगठन बनाकर मुसलमानों में बटवारा पैदा करने की सियासत बहुत ही घिनौना खेल है, आरएसएस इन हथकंडों को अपनाना बंद करे।

दिल्ली मीडिया इंचार्ज मौलाना साजिद ने बताया कि ‘‘इमामस् कांसिल का ये कदम इस वक्त की अहम जरूरत है, सभी मुसलमानों कांसिल का साथ देना चाहिये।